लैंड लॉक प्रदेश हरियाणा में नई सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है. बीजेपी के नायब सिंह सैनी ने पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. वो राज्य वे 19वें सीएम हैं. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ 18 NDA शासित राज्यों के CM और डिप्टी CM शामिल हुए. सीएम सैनी के साथ 13 अन्य बीजेपी विधायकों ने भी मंत्री शपथ ली. हरियाणा में मंत्री बनाने में बीजेपी ने जातीय समीकरण का गणित बड़े ही सूझ-बूझ के साथ बिठाया है. विधायक दल की बैठक में जब सीएम सैनी को नेता चुना गया. उस वक्त केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित शाह ने उनके नाम का ऐलान करते हुए कहा था कि हरियाणा की नई बीजेपी सरकार 36 बिरादरियों की सरकार होगी. अमित शाह के इस बयान की छाप बिल्कुल कैबिनेट चयन में दिखाई देती है. इसके साथ ही 6 ऐसे चेहरे हैं जो पिछली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. उन्हें दोबारा जिम्मेदारी सौंपी गई है. 7 नए चेहरों को इस बार कैबिनेट में जगह मिली है.
इस तरह बिठाया गया जातीय गणित
नयाब सिंह कैबिनेट में जातीय समीकरण का विशेष रूप से ख्याल रखा गया है. हर जाति से 1 या 2 लोगों को कैबिनेट में रखकर बीजेपी ने अच्छा बैलेंस किया है. पार्टी ने सभी 36 बिरादरियों को साधने की भरपूर कोशिश की गई है. बता दें सीएम नायब सिंह सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं. ऐसे में बीजेपी ने पिछड़ों को साधने के लिए सीएम समेत 5 मंत्री इस वर्ग से बनाए हैं. ओबीसी वर्ग से राव नरबीर सिंह, आरती राव, रणबीर सिंह गंगवा और राजेश नागर मंत्री बनाए गए हैं. वहीं हरियाणा में रह रहे पंजाबियों को साधने के लिए अनिल विज को जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, श्याम सिंह राणा के रूप में एक राजपूत चेहरा और विपुल गोयल के रूप में बनिया वर्ग के एक नेता को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. ब्राह्मण वर्ग से दो नेताओं गौरव गौतम और अरविंद शर्मा, दो दलित नेताओं कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण कुमार बेदी को भी सैनी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. जाट वर्ग से श्रुति चौधरी और महिपाल ढांडा सैनी को मंत्री बनाया गया है.
नए चेहरों में अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, आरती राव, श्रुति चौधरी और गौरव गौतम पहली बार मंत्री बने हैं. जबकि राजेश नागर और गौरव गौतम को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है.बता दें हरियाणा में पार्टी ने अन्य बीजेपी और एनडीए शासित राज्यों की तरह दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला नहीं अपनाया है. बजाए इसके जातीय गणित बिठाने पर जोर दिया गया है.
किस जातीय समुदाय से कितने मंत्री?
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी -OBC
अनिल विज- पंजाबी
कृष्ण लाल पंवार- SC
राव नरवीर -यादव
महिपाल ढांडा – जाट
विपुल गोयल- वैश्य
अरविंद शर्मा -ब्राह्मण
श्याम सिंह राणा- राजपूत
रणबीर गंगवा-OBC
कृष्ण बेदी- SC
श्रुति चौधरी- जाट
आरती राव- यादव
राजेश नागर -गुज्जर
गौरव गौतम- ब्राह्मण
हरियाणा का जातीय समीकरण
सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज यानि CSDS के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में जाटों की आबादी 25% है. दलित की आबादी 21% है. पंजाबी यहां 8% हैं. ब्राह्मण समुदाय की आबादी 7.5% है. अहीर यहां 5.14% है. वैश्य की आबादी 5% है. राजपूत की आबादी 3.4% है. सैनी की आबादी 2.9% है. मुस्लिमों की आबादी 3.8% हैं. यानि कि सबसे ज्यादा यहां जाट बिरादरी के लोग रहते है. यही कारण है कि हरियाणा की सियासत हमेशा से ही जाट बनाम नॉन जाट पर चलती है.
हरियाणा में सीटों का समीकरण
साल 1966 में हरियाणा के गठन के बाद यहां की सियासत में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी दल ने लगातार तीन बार जीतकर हैट्रिक लगाई हो, सरकार बनाई हो, बीजेपी ने हैट्रिक लगाकर हरियाणा की सियासत में नया इतिहास रच दिया है. बता दें हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला है. बीजेपी ने राज्य की 90 में से 48 सीटों पर विजय पताका फहराई है. कांग्रेस को 37 सीटें मिली. वहीं इनेलो को 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की.
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