चंडीगढ़: हरियाणा में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बन गई है. वहीं कांग्रेस फिर एक बार विपक्ष में बैठने जा रही है. इसी बीच कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है. 6 बार के पूर्व कांग्रेसी विधायक अजय यादव ने पार्टी को अलविदा कह दिया है यानि कि पार्टी छोड़ दी है. पिछले कई दशकों से हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव ने गुरुवार की शाम कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. छह बार रेवाड़ी से विधायक रह चुके अजय सिंह यादव दक्षिण हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे हैं. बता दें अजय यादव, राजद नेता लालू प्रसाद यादव के समधी हैं.
I have sent my resignation letter to Congress President Mallikarjun Kharge’s ji from Chairman AICC OBC Department and also from primary membership of Indian national congress party @kharge @RahulGandhi @SoniaGandhiiINC
— Capt. Ajay Singh Yadav (@CaptAjayYadav) October 17, 2024
कांग्रेस अलाकमान की अनदेखी से थे नाराज
विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी हाईकमान तथा हरियाणा की लीडरशिप की अनदेखी किए जाने को लेकर वह आहत चल रहे थे. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को भेजे अपने इस्तीफा की जानकारी अजय यादव ने सोशल मीडिया के जरिए दी है. उनके बेटे एवं पूर्व विधायक चिरंजीव राव ने इसे पिता का व्यक्तिगत फैसला बताते हुए पार्टी में जीवनभर बने रहने की बात कही है. बता दें अजय यादव सोनिया गांधी, राजीव गांधी के साथ भी काम कर चुके हैं. अजय राहुल गांधी की कार्यप्रणाली, चुनाव के दौरान हरियाणा कांग्रेस कार्यालय में केंद्रीय कंट्रोल रूम नहीं बनाए जाने तथा उनके हलके में घोषणा के बावजूद हुड्डा के दबाव में राहुल गांधी के नहीं जाने के कारण आहत चल रहे थे. इस संबंध में उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में भी आरोप लगाए थे.
भूपेंद्र हुड्डा से कई बातों पर था विवाद
माना जा रहा है कि अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह के बाद सबसे कद्दावर नेता रह चुके कैप्टन अजय सिंह यादव की भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पटरी नहीं बैठ पा रही थी. उनके हुड्डा के साथ मतभेद वर्ष 2011 में ही उस समय शुरू हो गए थे, जब मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए हुड्डा ने उनसे वित्त विभाग वापस ले लिया था. इसके बाद कई बार कैप्टन, हुड्डा की आलोचना करते नजर आए, तो कई बार सराहना करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी. कैप्टन रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से लगातार छह बार विधायक बने थे. लोकसभा चुनाव से पहले उनकी हुड्डा से तल्खियां बढ़ गई थीं. वह गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लडऩा चाहते थे, परंतु हुड्डा ने अपने प्रभाव से उनकी टिकट का रास्ता रोक दिया था. ओबीसी सेल का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बावजूद कांग्रेस में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा था. विधानसभा चुनाव में पार्टी के पोस्टरों में भी कैप्टन के फोटो तक नहीं लगाए गए थे, जिस पर कैप्टन ने बाद में खुलकर आपत्ति दर्ज कराई थी.
कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव के चुनाव प्रचार में कांग्रेस की ओर से पार्टी के स्टार प्रचारकों को रेवाड़ी नहीं भेजा गया था. जातिगत समीकरण साधने के लिए कैप्टन ने खुद कुछ प्रभावशाली नेताओं को अपने स्तर पर प्रचार के लिए जरूर बुलाया था. बेटे चिरंजीव राव की हार के बाद से ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के रुख को लेकर कैप्टन नाराज नजर आ रहे थे.
बीजेपी ने कांग्रेस साधा निशाना
बीजेपी नेता सीआर केसवन ने कहा कि”कैप्टन अजय सिंह यादव के कांग्रेस से इस्तीफे ने वास्तव में कांग्रेस की ‘ओबीसी विरोध’ और मानसिकता को उजागर कर दिया है. वोट बैंक की राजनीति के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण के अपने संकीर्ण एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ओबीसी और अन्य वंचित समुदायों को राजनीतिक मोहरे और पंचलाइन के रूप में पेश किया गया है. यह इस्तीफा कांग्रेस पार्टी को आईना दिखाता है.”
#WATCH | Congress leader Capt. Ajay Singh Yadav resigns from primary membership of the party, BJP leader CR Kesavan says, "Capt. Ajay Singh Yadav's resignation from Congress has truly exposed the 'OBC virodi' and mentality of the Congress. It also exposed how Congress uses OBCs… pic.twitter.com/zxtJaMLSEz
— ANI (@ANI) October 17, 2024
हिन्दुस्थान समाचार
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