Israel-Hamas War: इजरायली सेना की ओर से दावा किया गया है कि उसने हमास लीडर याह्या सिनवार को मार डाला है. हमास ने सात अक्टूबर 2023 को इजरायल पर जो हमला किया था उसकी योजना गाजा का लादेन कहे जाने वाले इस याह्या सिनवार ने ही बनाई थी. हमास के इस अटैक में 1200 से अधिक इजरायली मारे गए थे.
हमास के लीडर इस्माइल हानिया की मौत के बाद याह्या सिनवार को हमास की कमान सौंपी गई थी. इसीलिए सिनवार की मौत को हमास के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. इजरायल का उद्देश्य गाजा से हमास को मिटा देना है और सिनवार उसका प्रमुख निशाना था. इजरायली विदेश मंत्री इसरायल काट्ज ने कहा कि 7 अक्टूबर के नरसंहार और अत्याचार के लिए जिम्मेदार याह्या सिनवार को आईडीएफ ने मार गिराया है.
वहीं इजरायली पीएम की ओर से कहा गया कि सात अक्टूबर का हिसाब चुकाया गया है, लेकिन अभी जंग जारी रहेगी. फिलहाल हमास की कमान कौन संभालेगा. इसे लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है. हमास के प्रमुख लीडर्स जो अभी इजरायली हमले से बचे हैं और भविष्य में उनके संगठन को संभालने की संभावना है, वो इस प्रकार हैं.
खालिद मशाल: खालिद मशाल 28 मई 1956 को वेस्ट बैंक के रामल्ला के पास जन्मा था. 15 साल की उम्र में इसने मिस्र स्थित सुन्नी इस्लामिक संस्था मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़ा. मुस्लिम ब्रदरहुड की मदद से ही 1987 में हमास का गठन किया गया. टाइम मैगजीन की ओर से उसे ‘इजरायल को परेशान करने वाला शख्स’ का टाइटल दिया गया है.
68 साल का खालिद मशाल निर्वासन से ही काम करते रहा है. 2004 से 2012 तक, उसने सीरिया की राजधानी दमिश्क से ग्रुप का संचालन किया. मशाल 2012 में पहली बार हमास नियंत्रित गाजा में गया था और उसने हमास के 25वें वर्षगांठ पर आयोजित एक रैली को संबोधित किया था. हमास के राजनीतिक कार्यलय का नेता बनने के बनने के बाद जॉर्डन में इजरायली एजेंटों ने धीमी गति से काम करने वाला जहर दिया. इसके बाद वो कोमा में चला गया. उसके जनीतिक कार्यालय के प्रमुख के पद को छोड़ने के बाद ही 2017 में हानिया को हमास की कमान सौंपी गई. मशाल को हमास के टॉप लीडर में गिना जाता है.
उप नेता खलील अल-हय्या: खलील अल-हय्या कतर में निर्वासित जिंदगी जी रहा है, वो सिनवार के डिप्टी के रूप में काम कर रहा था. साल 2007 में इजरायल ने उसे मारने की कोशिश की थी, लेकिन वो बच निकलने में कामयाब हो गया था. इजरायल ने गाजा में उसके घर पर एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें उसके परिवार के लोग मारे गए थे.
मूसा अबू मरज़ौक: मूसा अबू मरज़ौक हमास के शीर्ष राजनीतिक ब्यूरो के सदस्यों और हमास के संस्थापकों में से एक है. इसने अपना सियासी करियर संयुक्त अरब अमीरात में शुरू किया. वहां जो फिलिस्तीनी मुस्लिम ब्रदरहुड की एक शाखा स्थापित हुई उसे करने में उसने मदद की. बाद में वो अमेरिका चला गया. जहां उसने इस्लामी संस्थाओं की स्थापना में मदद की, जिसमे फिलिस्तीनी कारणों पर केंद्रित संस्थाएं भी शामिल थीं. साल 1996, में उसे हमास का राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख बनाया गया है. उस पर इजरायल ने आतंकवादी हमलों को वित्तपोषित करने और संगठित करने का आरोप लगाया. आतंकवाद के संदेह में मैनहट्टन जेल में 22 महीने बिताने के बाद, वह अमेरिका में अपना स्थायी निवासी का दर्जा छोड़ने के लिए सहमत हो गया.
हमास की सेना का कमांडर मोहम्मद डेफ: मोहम्मद डेफ युवावस्था में ही हमास में शामिल हो गया था. इसे 7 अक्टूबर को इजरायली हमले का योजनाकार भी माना जाता है. 2002 में, वह हमास की सैन्य शाखा, क़स्साम ब्रिगेड का नेता बन गया. डेफ ने तब से इज़रायल पर कई हमलों की योजना बनाई है, जिसमें 1996 में सिलसिलेवार हुए आत्मघाती बम धमाके भी शामिल हैं.
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