नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ड्रोन की उभारती चुनौती, साइबर अपराध और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करके अशांति फैलाने के प्रयासों पर चिंता जताते हुए कहा कि खतरे और चुनौतियां कितने भी बड़े क्यों ना हों हमारे जवानों के अडिग प्रण के सामने टिक नहीं पाएंगे. गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को पुलिस स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
#WATCH | Delhi: Union Home Minister Amit Shah pays homage to the martyrs on Police Commemoration Day, at the National Police Memorial. pic.twitter.com/JxIFAvwXLf
— ANI (@ANI) October 21, 2024
इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि आज हम सभी देश की आंतरिक सुरक्षा और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं. ये जवान कश्मीर से कन्याकुमारी तक और कच्छ से किबिथु तक देश की सीमाओं को सुरक्षित रखते हैं. अमित शाह ने कहा कि हमारे जवान उत्सव हो या आपदा हर समय ड्यूटी करते हैं. शाह ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी और ओर उनके परिजनों को भी नमन किया.
#WATCH | Delhi: Police Commemoration Day | Union Home Minister Amit Shah says, "Today we all have gathered to pay tribute to the brave soldiers who sacrificed their lives to protect the internal security of the country and the borders of the country…These soldiers are… pic.twitter.com/SJugM0sBa1
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गृहमंत्री ने कहा कि 36468 पुलिस के जवानों और अलग-अलग बल के कर्मियों ने जो बलिदान दिया है उसी के चलते आज देश इतनी प्रगति कर पाया है. उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान 216 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं. शाह ने उन्हें भी श्रद्धांजलि दी और परिजनों को विश्वास दिलाया कि उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा.
अमित शाह ने कहा कि कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व के तीनों क्षेत्र सालों से अशांति के लिए चर्चा का विषय बने हुए थे पिछले एक दशक में हमारे जवानों के चलते हम उसमें करीब करीब संपूर्ण शांति प्रस्तावित करने में सफल हुए हालांकि लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि ड्रोन की उभारती चुनौती, नारकोटिक्स का कारोबार, साइबर अपराध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करके अशांति फैलाने के प्रयास, धार्मिक भावनाओं को उकसाने के षड्यंत्र, अवैध हथियारों की तस्करी और आतंकवाद हमारे सामने चुनौती बनकर खड़े हुए हैं.
उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि खतरे और चुनौतियां कितने भी बड़े क्यों ना हो हमारे जवानों के अडिग प्रण के सामने टिक नहीं पाएंगे. तीन नए कानून को लेकर अमित शाह ने कहा कि देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इनका क्रियान्वयन चालू हो गया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण का काम पांच साल पहले ही चालू कर दिया गया था और अब बाकी सारी व्यवस्थाएं करते-करते और तीन साल होंगे परंतु तीन साल के बाद में देश की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारी क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पूरी दुनिया में सबसे आधुनिक होगा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द चंडीगढ़ से एक पुलिस यूनिट का संपूर्ण क्रियान्वयन का उद्घाटन करेंगे.
उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर, 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में सशस्त्र चीनी टुकड़ी द्वारा घात लगाकर किए हमले में पुलिस के 10 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. इन शहीदों एवं ड्यूटी के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले अन्य सभी पुलिसकर्मियों की स्मृति में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. पुलिसकर्मियों द्वारा दिए गए बलिदान तथा राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता बनाए रखने में पुलिस की उत्कृष्ट भूमिका का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलिस स्मृति दिवस, 2018 के अवसर पर चाणक्यपुरी, नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक देश को समर्पित किया था.
#WATCH | Delhi: Police Commemoration Day | Union Home Minister Amit Shah says, "On 21 October 1959, 10 brave CRPF jawans sacrificed their lives for the country. Since that day, we have been celebrating 21 October as Police Commemoration Day every year. After becoming the Prime… pic.twitter.com/k8wmfTr3ei
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यह स्मारक पुलिस बलों में राष्ट्रीय पहचान, गर्व, उद्देश्यों में एकरूपता, एक समान इतिहास और भविष्य की भावना भरने के साथ-साथ उनकी इस प्रतिबद्धता को भी और मजबूत करता है कि उन्हें अपने प्राणों की कीमत पर भी देश की रक्षा करनी है. पुलिस स्मारक में एक केंद्रीय शिल्पकृति के अलावा ‘शौर्य की दीवार’ तथा एक संग्रहालय भी है. केंद्रीय शिल्पकृति के रूप में मौजूद एक 30 फुट ऊंचा ग्रेनाइट का एकल पाषाण खंड पुलिस कर्मियों की शक्ति, विनम्रता और नि:स्वार्थ सेवा का प्रतीक है. इसी प्रकार ’शौर्य की दीवार’ जिस पर शहीदों के नाम उत्कीर्ण हैं, कर्तव्य के पथ पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले पुलिस कर्मियों की बहादुरी और बलिदान के अचल प्रतीक के रूप में उपस्थित है.
‘पुलिस स्मृति दिवस’ अर्थात 21 अक्टूबर को देश भर में शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है जबकि मुख्य कार्यक्रम राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में आयोजित किया जाता है, जिसकी अध्यक्षता परंपरागत रूप से केंद्रीय गृहमंत्री करते हैं. कार्यक्रम में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और दिल्ली पुलिस की एक संयुक्त परेड भी आयोजित की जाती है.
हिन्दुस्थान समाचार
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