प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि पीएफआई की 4 साल से जांच जारी है. ईडी ने अब इस संगठन को लेकर बड़े खुलासे किए हैं. ईडी ने कहा है कि यह संगठन, भारत के साथ ही विदेशों में भी अपने सदस्यों का नेटवर्क फैला चुका है. दुनिया भर में इसके 13 हजार से ज्यादा सदस्य बना चुका हैं और यह काफी समय से भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग कर रहा है. ये भी पता चला है कि पीएफआई ने सिंगापुर सहित पांच खाड़ी देशों में धन एकत्र किया है. जिसे हवाला के जरिए भारत भेजा जाता है.
ईडी के डोजियर के अनुसार, पीएफआई के सदस्य केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, जम्मू-कश्मीर और मणिपुर में सक्रिय है. ED के डोजियर में यह भी उल्लेख किया गया है कि PFI की भूमिका 2020 के दिल्ली दंगों और हाथरस में अशांति फैलाने में थी.
बता दें संगठन ने जुलाई 2022 में पीएम मोदी पर असफल हमले की कोशिश की थी. जिसके बाद ही सरकार ने इस पीएफआई को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया था. पिछले कुछ वर्षों में, ED ने PFI के 26 शीर्ष पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है और उनकी संपत्तियों और बैंक खातों को जब्त कर लिया है. गिरफ्तार किए गए प्रमुख व्यक्तियों में केए रऊफ शेरिफ, शफीक पायेथ, परवेज अहमद और साहुल हमीद शामिल हैं, जो सिंगापुर से हवाला कारोबार में लिप्त पाए गए हैं.
केरल के कन्नूर जिले के नारथ में एक हथियार प्रशिक्षण शिविर का खुलासा हुआ है, जहां PFI कार्यकर्ताओं को विस्फोटकों और हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जा रहा था. यह संगठन अब तक 94 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जुटा चुका है और ED ने 57 करोड़ रुपये मूल्य की 35 संपत्तियों को आपराधिक आय घोषित किया है.
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