भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव चरम पर है. इस तनाव के चलते दोनों देशों के व्यपारिक रिश्ते संकट में पड़ सकते हैं. दरअसल, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए हैं. यहां तक की दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को वापस बुला लिया है. कुछ को तो निष्कासित कर दिया गया है. इस तनाव के कारण दोनों देशों के बीच 70 हजार करोड़ रुपये के व्यापार को नुकसान पहुंच सकता है.
GTRI के अनुसार, कनाडा और भारत के बीच जो तनाव चल रहा है उसका असर अब तक दोनों देशों के व्यापार पर नहीं पड़ा है. दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात में लगातार बढ़ रहा है. लेकिन दोनों देशों के बीच चल रहा तनाव आगे जारी रहता है, तो दोनों ही देशों की इकनॉमी नुकसान में पड़ सकती है. दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार आंकड़ो में देखें तो साल 2022-23 में भारत और कनाडा के ट्रेड बीच 8.3 अरब डॉलर का था.
वहीं साल 2023-24 में इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई और ये बढ़कर 8.4 अरब डॉलर हो गया. कनाडा से भारत का आयात बढ़कर 4.6 अरब डॉलर हो गया है, जबकि निर्यात में मामूली गिरावट देखी गई और वो 3.8 अरब डॉलर रहा है. दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव का ट्रेड पर तो अब तक कोई असर नहीं दिखा है, लेकिन तल्खी और बढ़ती है तो व्यापार में नुकसान हो सकता है. कनाडाई पेंशन फंड्स का भारत में निवेश है.
आंकड़ों के मुताबिक भारत में कनाडाई पेंशन फंड का निवेश करीब 6 लाख करोड़ रुपये का है. भारत में कनाडा की लगभग 600 कंपनियां कारोबर कर रही हैं. कनाडाई पेंशन फंड ने भारत में करीब 6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. कनाडा की करीब 600 कंपनियां भारत में कारोबार कर रही हैं. ऐसे में अगर व्यापार प्रभावित होता है, तो कनाडाई पेंशन फंड्स को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
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