S Jaishankar On India-China: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति मई 2020 से पहले जैसी हो गई है. एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है. विदेश मंत्री ने कहा कि एलएसी पर सफलता एक अच्छी घटना है. इसकी वजह “धैर्य और दृढ़ कूटनीति” है.
जयशंकर ने कहा, “ऐसे क्षेत्र हैं जहां 2020 के बाद अलग-अलग कारणों से उन्होंने हमें रोका, हमने उन्हें रोका. अब हम एक समझौते पर पहुंच गए हैं जिसके तहत पैट्रोलिंग की इजाजत होगी जैसा कि हम 2020 तक कर रहे थे.” जयशंकर ने कहा कि दोनों देश सितंबर 2020 से सीमा विवाद को लेकर बातचीत कर रहे थे. यह बहुत धैर्यपूर्ण चली है. हालांकि यह जितनी होनी चाहिए थी, उससे कहीं अधिक जटिल है. कई बार लोगों ने लगभग हार मान ली थी.
उन्होंने कहा कि, अहम ये है कि अगर हम किसी एक समझ पर पहुंच गए हैं, तो मुझे लगता है कि यह सीमा पर शांति और सुधार के लिए आधार बनाता है, जो 2020 से पहले थी. यह एक बड़ी चिंता थी. अगर शांति और स्थिरता नहीं है, तो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों में कैसे सुधार आ सकता है.
सूत्रों के अनुसार, एलएसी विवाद पर भारत और चीन के जो समझौता हुआ है उसके बाद अब भारतीय सेना एक बार फिर से देपसांग और डेमचॉक में गश्त कर सकेगी. इसके अलावा बाकी चार बफर पॉइंट पर भी पेट्रोलिंग की शुरुआत होगी.
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