ओलंपिक पहलवान साक्षी मलिक ने सोमवार को दावा किया कि भाजपा नेता बबीता फोगाट ने पहलवानों को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि वह उनकी जगह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का अध्यक्ष बनना चाहती थीं. एक साक्षात्कार में, मलिक ने कहा कि फोगट ने कई पहलवानों के साथ एक बैठक बुलाई थी.
इसमें उन्होंने पहलवानों से महासंघ के भीतर छेड़छाड़ की घटनाओं सहित कथित कदाचार के खिलाफ विरोध करने की अपील की थी. मलिक ने कहा, “बबीता फोगाट ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध करने के विचार के साथ हमसे संपर्क किया क्योंकि उनका अपना एजेंडा था, वह डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनना चाहती थीं. ऐसी अफवाहें हैं कि कांग्रेस ने हमारे विरोध का समर्थन किया, लेकिन यह गलत है.”
साक्षी मलिक ने कहा कि वास्तव में, दो भाजपा नेताओं ने हमें हरियाणा में विरोध प्रदर्शन की अनुमति दिलाने में मदद की. मलीक ने कहा कि विरोध पूरी तरह से फोगट से प्रभावित नहीं था. यह उनके सुझाव पर शुरू किया गया था. ऐसा नहीं है कि हमने आंख मूंदकर उनका अनुसरण किया, लेकिन हम जानते थे कि महासंघ के भीतर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ जैसे गंभीर मुद्दे थे.
उन्होंने कहा कि हमारा मानना था कि एक महिला के नेतृत्व से सकारात्मक बदलाव होंगे. खासकर बबीता फोगाट जैसी कोई महिला, जो एक खिलाड़ी भी है. हमने सोचा कि वह विरोध प्रदर्शन में हमारे साथ बैठेंगी और एक साथी पहलवान के रूप में गलत काम के खिलाफ आवाज उठाएंगी.
बबीता फोगाट के खिलाफ अपने आरोपों के अलावा, साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह की यह दावा करने के लिए भी आलोचना की कि उनके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले पहलवान “खत्म” हो गए हैं. मलिक ने विनेश फोगाट की हालिया सफलता को स्पष्ट सबूत बताया कि सिंह के दावे निराधार थे.
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