दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन यानि डुसू चुनाव के परिणाम पर रोक लगाने के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है. हाईकोर्ट अब 28 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई करेगा. राजधानी की दीवारों पर पोस्टर, रंगरोगन कर गंदगी फैलाने के मामले में हाईकोर्ट ने 16 छात्र उम्मीदवारों को समन भेजा है.
बता दें कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पोस्टर-बैलेट की गंदगी साफ होने तक डुसू चुनाव के नतीजों पर रोक लगा दी थी और प्रत्याशियों को साफ-सफाई कराने का निर्देश दिया था. अब भी सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ये रोक जारी रखी है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया जारी रह सकती है, लेकिन मतगणना तब तक नहीं होगी, जब तक अदालत इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाती कि संपत्ति को खराब करने वाली चीजें हटा दी गई है.
बता दें हर साल की तरह इस साल भी 27 सितंबर में डुसू चुनाव के लिए मतदान संपन्न हुआ था और 28 सितंबर को नतीजे घोषित होने वाले थे लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक संपत्ति पर रंग रोगन और शहर में पोस्टर, बैलेट से हुई गंदगी पर हाईकोर्ट ने दखल देते हुए चुनाव परिणाम पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद दिल्ली नगर निगम ने हाईकोर्ट में कहा कि शहर की दीवारों से पोस्टर और पेंट हटाने के लिए उसे लाखों रुपए खर्च करने होंगे. वहीं कोर्ट का कहना है कि दीवारों को गंदा करने वाले उम्मीदवार ही सफाई का खर्चा उठाएंगे.
दरअसल, दर साल छात्र संघ चुनावों में उम्मीदवार, प्रचार के लिए लाखों रूपये के पोस्टर, बैलेट, पैम्पलेट और होर्डिंग्स का इस्तेमाल करते हैं और सार्वजिनक दीवारों पर रंग-रोगन से नाम लिखवाकर अपना प्रचार करते हैं. इन बैलेट पेपरों, पोस्टरों की संख्या इतनी होती है कि इससे सड़कें और कॉलेज कैंपस तक पट जाते हैं और शहर में गंदगी हो जाती है. चुनाव जीतने के बाद कोई भी यूनियन इस गंदगी की तरफ ध्यान नहीं देता. लेकिन इस बार दिल्ली हाई कोर्ट ने गंदगी साफ नहीं होने तक चुनाव नतीजों पर रोक लगा दी है.
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