Gujarat News: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात के आणंद में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के हीरक जयंती समारोह एवं त्रिभुवन पटेल की जयंती पर 300 करोड़ रुपये की लागत से अनेक किसान कल्याणकारी गतिविधियों का शुभारंभ किया. इस अवसर पर केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह सहित अनेक गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हाल ही में श्वेत क्रांति 2.0 की एसओपी जारी की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री द्वारा बताए गई किसान हितोन्मुखी सभी प्रमुख बातों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि हम एक लाख नई और मौजूदा डेयरियों को सशक्त करेंगे और इस दूसरी श्वेत क्रांति से मिल्क रूट्स का भी विस्तार होगा.
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि त्रिभुवन दास एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिनके कर्मठ जीवन की व्याख्या शायद ही कोई कर सकता है. त्रिभुवन दास ने स्व को त्याग कर देश के गरीब किसानों के सशक्तिकरण के लिए एक अनूठे विचार के साथ काम किया. उन्होंने जीवनपर्यंत स्वयं को अलग रखकर मूल सहकारिता की भावना के साथ देश के हर किसान को जोड़ने का यत्न, प्रयत्न और सफलता प्राप्त की.
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री 1964 में अमूल डेयरी को देखने गए और उन्होंने तय कर लिया कि सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश के पशुपालकों को इस सफल प्रयोग का फायदा मिलना चाहिए. इसके बाद शास्त्री जी ने एनडीडीबी बनाने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि 60 साल में एनडीडीबी ने सहकारिता, देशभर के किसानों और माताओं-बहनों को न सिर्फ सशक्त और संगठित किया बल्कि उन्हें अपने अधिकार के लिए जागृत करने का काम भी किया.
उन्होंने कहा कि 100 रुपये की शेयर पूंजी से अमूल आज 60 हज़ार करोड़ का सालाना व्यापार कर रहा है. तरल दूध की बिक्री 427 लाख लीटर प्रति दिन, खरीद 589 लाख लीटर प्रति दिन और राजस्व 344 करोड़ रुपये से बढ़कर 426 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और शुद्ध लाभ 50 करोड़ रुपये है. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि एनडीडीबी ने सब्ज़ियों की प्रोसेसिंग शुरू की है, जिससे हमारे किसानों द्वारा उत्पादित सब्ज़ियां पूरी दुनिया में जाएंगी और इनका मुनाफा कोऑपरेटिव मॉडल के तहत नीचे तक पहुंचेगा. शाह ने कहा कि मोदी सरकार 2 लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (पैक्स)बनाने जा रही है, जो हमारे सहकारिता के ढांचे को बहुत मज़बूती देंगी.
उन्होंने कहा कि इस कदम से सहकारिता और सहकारिता क्षेत्र की सभी इकाइयां मज़बूत होंगी. उन्होंने कहा कि भारत ने 231 मिलियन टन दुग्ध उत्पादन के साथ अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है और हम विश्व में पहले स्थान पर है. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता को सशक्त करने के अभियान के परिणामस्वरूप 1970 में देश में दूध की उपलब्धता 40 किलोग्राम प्रति व्यक्ति थी, 2011 में 103 किलोग्राम और 2023 में बढ़कर 167 किलोग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है. उन्होंने कहा कि विश्व की दूध की औसत प्रति व्यक्ति उपलब्धता 117 किलोग्राम है.
हिंदुस्थान समाचार
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