Brics summit Bilateral meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. इस बैठक पर अमेरिका समेत दुनियाभर की निगाहें लगी हैं. दोनों नेताओं के बीच पांच साल में यह पहली औपचारिक मुलाकात होगी. मंगलवार शाम कज़ान में एक प्रेस वार्ता में, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पुष्टि की थी की बैठक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर होगी. उन्होंने कहा था कि बैठक का समय आज यानी बुधवार को तय किया जाएगा.
यह घटनाक्रम सरकार की उस घोषणा के एक दिन बाद आया है जिसमें भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त फिर से शुरू करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं. विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कल एक बयान में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन की ओर से डेमचौक और देपसांग से अपनी सेनाओं को पीछे हटाने की बात कही थी. साथ ही कहा था कि दोनों देश में सीमा पर पहले की तरह पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए सहमति बन गई है.
वहीं चीन की ओर से भी मंगलवार को एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत के साथ हुए सैन्य समझौते की पुष्टि की गई. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “प्रासंगिक मामलों” पर एक प्रस्ताव पर पहुंचा गया है और चीन इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा. भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मई 2020 से गतिरोध चल रहा है और सीमा विवाद का पूर्ण समाधान अभी तक नहीं हो पाया है, हालांकि दोनों पक्ष कई बिंदुओं से पीछे हट गए हैं, जिनको लेकर विवाद था.
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई. ये दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था. भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते. बता दें कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति की मुलाकात गलवान संघर्ष से पहले हुई थी. आखिरी बार पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर 2019 में महाबलीपुरम में औपचारिक मुलाकात हुई थी.
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