UP Bypolls 2024: यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अखिलेश यादव के पीडीए के जवाब में एनडीए ने ओबीसी पर दांव खेला है. सपा ने इस उपचुनाव में पीडीए कार्ड खेलते हुए नौ में से चार सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है. ये चार सीटें सीसामाउ, मीरापुर, फुलपुर और कुंदरकी है. वहीं दो सीटों पर दलित और तीन सीटों पर ओबीसी प्रत्याशियों को टिकट दिया है.
सपा ने गाजियाबाद में अयोध्या की तर्ज पर प्रयोग किया है. सपा ने लोकसभा चुनाव में जिस तरह दलित समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद को फैजाबाद सीट से टिकट दिया था. उसी तरह गाजियाबाद से दलित चेहरे पर दांव खेला है. गाजियबाद सीट को सपा सबसे कमोजर मान कर चल रही है. क्योंकि ये सीट सपा के खाते में कभी नहीं आई. इसलिए सपा ने यहां से राज जाटव को उतारा है, जो जाटव समाज से आते हैं.
इसके जरिये कोशिश ये की गई है कि गाजियाबाद में चुनाव दलित मुस्लिम समीकरण पर केंद्रित किया जाए. वहीं बीएसपी ने यहां से वैश्य समाज के चेहरे को टिकट दिया है. सपा का प्रयास है कि चुनाव में पीडीए फॉर्मूले के जरिये ज्यादा से ज्यादा सीटें जीती जाएं, लेकिन अगर किसी सीट पर जीत की संभावना नजर नहीं आ रही है, तो कम से कम उस सीट से दलितों और पिछड़ों को एक संदेश दिया जाए.
इसी तरह अलीगढ़ की खैर सीट से सपा ने चारु कैन को टिकट दिया है. चारु कैन कांग्रेस से हाल ही में सपा में आई हैं. चारू जाटव समाज से आती हैं, लेकिन अब जाट समाज से ताल्लुक रखती हैं. इसलिए जाटव और जाटों के समीकरण को साधने की कोशिश इंडिया ब्लॉक ने की है. वहीं अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पीडीए कार्ड चलेगा.
उधर मीरापुर सीट पर एनडीए में सहयोगी आरएलडी ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. यहां से आरएलडी के प्रत्याशी मिथिलेश पाल हैं. बीजेपी- आरएलडी गठबंधन ने नौ में छह दलित और पिछड़े प्रत्याशी चुनाव में उतारे हैं. जबकि तीन सीटों पर ब्राह्मण और ठाकुरों को टिकट दिया गया है.
इस बार यूपी उपचुनाव काफी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी. अखिलेश यादव की ओर से इसे पीडीए बनाम भाजपा कहा जा रहा है, जबकि बीजेपी पूरा चुनाव इस बार ओबीसी को ही केंद्र में मानकर उतर रही है.
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