Jammu Kashmir News: भारतीय सेना ने गुलमर्ग में अपने सैनिकों और कश्मीरी कुलियों पर हुए घातक हमले की निंदा करते हुए इसे “पाकिस्तानी आतंकवादियों” द्वारा कश्मीर में “आतंक का राज” कायम करने का प्रयास बताया. शुक्रवार शाम जारी एक बयान में, श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एमके साहू ने उस हमले का जिक्र किया, जो गुरुवार को बारामूला के बुटापथरी में हुआ था.
लेफ्टिनेंट कर्नल साहू ने कहा, “आतंकवादियों ने सैनिकों और स्थानीय पोर्टरों को ले जा रही सेना की एक टुकड़ी पर गोलीबारी की, जिससे सैनिकों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी और हमलावरों को एक हथियार और एक रूकसाक छोड़कर, धुंधली रोशनी की आड़ में घने जंगलों में पीछे हटना पड़ा.”
हमले के परिणामस्वरूप दो सैनिकों की मौत हो गई, अनंतनाग (जम्मू और कश्मीर) के राइफलमैन कैसर अहमद शाह और सिरसा (हरियाणा) के राइफलमैन जीवन सिंह, जिन्होंने घायल होने के बावजूद जवाबी कार्रवाई की और “सर्वोच्च बलिदान” दिया. सेना ने बयान में उनकी वीरता की सराहना करते हुए कहा कि यह कश्मीर की रक्षा और “पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद” का मुकाबला करने के लिए उनके “अटूट साहस और प्रतिबद्धता” को प्रदर्शित करता है.
सेना ने बयान कहा कि सैनिकों के साथ, दो कश्मीरी कुली, बोनियार तहसील (बारामूला) के जहूर अहमद मीर और उरी तहसील (बारामूला) के मुश्ताक अहमद चौधरी भी सेना की सहायता करते हुए मारे गए. भारतीय सेना की 15वीं कोर की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल साहू ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे आतंकवादियों द्वारा स्थानीय लोगों के बीच डर पैदा करने और शांति को बाधित करने का एक स्पष्ट प्रयास बताया.
उन्होंने कहा कि कश्मीर स्थिरता की ओर बढ़ रहा है. साहू ने नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाने पर जोर देते हुए कहा, “इन आतंकवादियों का एकमात्र मकसद ‘घाटी में आतंक का राज और भय का महौल पैदा करना है.” भारतीय सेना ने मृतकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की और क्षेत्र की सुरक्षा जारी रखने की कसम खाई.
आतंकवाद से लड़ने और कश्मीर में शांति बनाए रखने के सेना के संकल्प की पुष्टि करते हुए सेना अधिकारी ने कहा, “उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित करेगा.”
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