S Jaishankar On India-China Disengagement Agreement: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और चीन के सीमा समझौते और देपसांग और डेमचोक में सैनिकों के पीछे हटने को लेकर बातें की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सैनिकों का पीछे हटना भारत-चीन सीमा गतिरोध को हल करने और 2020 की गश्त स्थिति पर लौटने की दिशा में पहला कदम है.
जयशंकर ने कहा, “देपसांग और डेमचोक में गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति बन गई है. यह स्पष्ट है कि इसे लागू करने में समय लगेगा. यह डिसइंगेजमेंट और पेट्रोलिंग का मुद्दा है जिसका मतलब है कि हमारी सेनाएं एक-दूसरे के बहुत करीब आ गई थीं और अब वे अपने बेस पर वापस चली गई हैं. हमें उम्मीद है कि 2020 की स्थिति बहाल हो जाएगी.”
विदेश मंत्री ने कहा कि डिसइंगेजमेंट का पूरा होना पहला कदम है. अगला कदम तनाव कम करना है जो तब तक नहीं होगा जब तक भारत आश्वस्त नहीं हो जाता कि दूसरी तरफ भी ऐसा ही हो रहा है. उन्होंने कहा, “तनाव कम करने के बाद सीमाओं का प्रबंधन कैसे किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी. हालांकि, जयशंकर ने ये भी कहा कि एलएसी पर गश्त पर चीन के साथ सफल समझौते का मतलब यह नहीं है कि दोनों देशों के बीच मुद्दे सुलझ गए हैं”.
जयशंकर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सब कुछ सुलझ गया है, लेकिन सैनिकों की वापसी पहला चरण है. हम इस स्तर तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं. अब हमारी सेना देपसांग और डेमचोक में गश्त कर सकेगी. साथ ही अब हम अगले चरण पर गौर कर सकेंगे. जयशंकर ने कहा कि संबंधों के सामान्य होने में अभी भी थोड़ा समय लगेगा. 2020 से सीमा पर स्थिति अशांत है, जिसका समग्र संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है.
जयशंकर ने कहा कि सितंबर 2020 से भारत सीमा गतिरोध का समाधान खोजने के लिए चीन के साथ बातचीत कर रहा है. साथ ही उन्होंने चीन के साथ सफल समझौते के लिए सेना को श्रेय दिया, जिसने “बहुत ही अकल्पनीय” परिस्थितियों में काम किया और चतुर कूटनीति दिखाई.
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