राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में हुए 200 करोड़ रूपये के घोटाले मामले में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बड़ा एक्शन लिया है. उपराज्यपाल ने इस मामले की जांच को मंजूरी दे दी है. एलजी सक्सेना ने प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 17ए के तहत एसीबी को पीडब्ल्यूडी के पांच इंजीनियरों के खिलाफ जांच करने और उनपर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है.
Delhi LG, VK Saxena has approved Prosecution Sanction under Section 17A of POC Act, 1988 (amended in 2018) for conducting investigation by Anti-Corruption Branch against 5 Engineers of Electrical Division, Public Works Department, GNCTD. Approval for investigation has been…
— ANI (@ANI) October 28, 2024
इन लोगों के खिलाफ दर्ज है मामला
इस घोटाले में 2 असिस्टेंट इंजीनियर और 3 जूनियर इंजीनियर के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है. इसमें एई सुभाष चंद्र दास, एई सुभाष चंद, जेई अभिनव, जेई रघुराज सोलंकी और जेई राजेश अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
क्या है मामला?
आरोप है कि कोरोना महामारी के दौरान पीडब्ल्यूडी के इन इंजीनियोरों ने दिल्ली सरकार के 8 अस्पतालो में इमरजेंसी कार्यों के नाम पर पर अपनी पसंद के ठेकेदारों का लाभ पहुंचाया और फर्जी बिलों के आधार पर फर्मो/ ठेकेदारों को भुगतान किया गया. इतना ही नहीं स्पॉट कोटेशन में जाली दस्तखत और हेराफेरी की गई. जांच में पता चला है कि इन दो फर्मों को कोरोना काल में दिल्ली सरकार के आठ अस्पतालों में विभिन्न कार्यों का ठेका आवंटित करने में सारे नियमों को ताक पर रख कर दिया गया. इसके बाद बिना काम किए रुपयों का भुगतान भी कर दिया गया. बताया गया कि इससे सरकारी खजाने को 200 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है.
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