भोपाल: मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मंगलवार की शाम चार जंगली हाथियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. वहीं मंगलवार की रात इलाज के दौरान 2 और जंगली हाथियों की मौत हो गई, अब तक 6 हाथियों की मौत हो चुकी है. 4 हाथियों का इलाज अभी भी जारी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के वन मंत्री राम निवास रावत ने अपने ट्विटर हैंडल पर हाथियों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद एसआईटी तत्काल ही बांधवगढ़ पहुंच कर घटना की जांच करेगी.
वहीं, चार अन्य हाथियों की हालत भी गंभीर बताई जा रही है. घटना खितौली रेंज के सलखनियां के जंगल की है. जानकारी मिलने के बाद टाइगर रिजर्व की टीम मौके पर पहुंची. आशंका है कि हाथियों ने कोई जहरीला पदार्थ खाया या उन्हें खिलाया गया है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि मंगलवार शाम करीब 4 बजे सूचना मिली कि रिजर्व क्षेत्र के पतौर कोर, खितौलीकोर और पनपथा बफर रेंज की सीमा पर सलखनिया बीट एवं बकेली बीट के पास जंगल में 13 हाथियों का झुंड घूम रहा था. इनमें आठ हाथियों की तबीयत बिगड़ गई. मौके पर आठों हाथी बेहोश होकर गिर गए. इस पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से डॉक्टरों का दल और अधिकारी मौके पर पहुंचे. जांच के बाद डॉक्टरों ने चार हाथियों को मृत घोषित कर दिया. वहीं, चार हाथियों की हालत गंभीर बताई. वन अमला झुंड में शामिल पांच हाथियों की निगरानी भी कर रहा है.
डिप्टी डायरेक्टर वर्मा ने बताया कि रिजर्व में 60 हाथी हैं, जो अलग-अलग झुंड बनाकर घूमते हैं. इनकी देखरेख के लिए रोजाना जंगल में गश्ती दल गश्त करता है. मंगलवार को दल ने सूचना दी कि आठ जंगली हाथी जमीन पर पड़े हैं. उनमें कोई मूवमेंट नहीं है. इस पर आसपास के अलग-अलग रेंज के पांच रेंजर मौके पर पहुंचे. बांधवगढ़ और कटनी जिले के बरही से आठ वेटनरी डॉक्टरों की टीम भी पहुंच गई.
डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश वर्मा के मुताबिक सभी आठ हाथी 100 से 200 मीटर के एरिया में बेहोश पड़े थे. डॉक्टरों का कहना है कि हाथियों ने किसी जहरीले या नशीले पदार्थ का सेवन किया है. इस एरिया में कोदो-कुटकी भी होती है. आशंका है कि हाथियों ने ज्यादा मात्रा या अधपका कोदो-कुटकी खाया होगा, इससे डिहाइड्रेशन भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि मौके पर डॉग स्क्वॉड को भी बुलाया गया है. जांच के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं. सभी टीमें संदिग्ध जगहों की जांच करेगी. खेतों, तालाबों, हाथियों के मल और तालाबों की जांच की जाएगी. इसके अलावा, हाथियों के पगमार्क के आधार पर भी देखा जाएगा कि कहीं कोई पॉइजन वाला पदार्थ तो नहीं खाया.
हिन्दुस्थान समाचार
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