भारत में दिवाली का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया. इस दिन सभी लोग मां लक्ष्मी की अराधना करते हैं. मां लक्ष्मी को धन यानि पैसों की देवी माना जाता है. उनकी कृप्या जिसपर होती है वो उसे कभी जीवन में पैसों की कमी नहीं होती. इस दिवाली पर हमारे देश पर भी मां लक्ष्मी की बड़ी कृप्या हुई है. दिवाली से एक ही पहले धनतेरस पर 102 टन सोने की खेप विदेश से अपने देश वापस आई है. यानि कि अब देश का कुल सोने का भंडार 855 टन हो गया है और यह सभी केंद्र की मोदी सरकार की कुशल विदेश नीति के कारण संभव हो सका है. मोदी सरकार की कूटनीति और दूरदृष्टि से हम विदेशों में गई अपनी अमूल्य और पैराणिक चीजों को वापस स्वदेश ला पा रहे हैं.
दरअसल, इस दिवाली में भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्रिटेन के बैंक ऑफ इंग्लैंड के खजाने में जमा भारत के कुल सोने से अगली किश्वत के नाते 102 टन सोना वापस किया है और अब यह रिजर्व बैंक की तिजोरी में सुरक्षित पहुंच चुका है. यह सोना ब्रिटेन से विशेष विमान के जरिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाया गया. यह वही सोना है जो कांग्रेस शासन के समय यानि 1990 की शुरूआत में आर्थिक मंदी के समय ब्रिटेन को दिया था. इसके बदले मिले लोन से सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन चुका पाई थी.
बता दें अभी तक सितंबर 2022 से अभी तक यानि 2 सालों के भीतर 214 टन सोना दूसरे देश से वापस लाया गया है. इस तरह अब सोने का भंडार कुल मिलाकर 855 टन हो गया है जो विश्व भर में भारत की बढ़ती आर्थिक समृद्धि का परिचायक है.
मोदी सरकार लगातार अपनी नीतियों और दूगामी सोच की बदौलत भारत की विदेशों में गई संपत्तियों और संपदाओं को वापस ला रही है. अमेरिका सहित अन्य देशों से भारत से चोरी या तस्करी कर पहुंची प्रचीन प्रतिमाओं और धरोहरों को लगातार सरकार स्वदेश वापस लाने का काम जारी है.
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