नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व संग्रह सालाना आधार पर 9 फीसदी बढ़कर अक्टूबर में 1.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. पिछले साल समान अवधि में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा था. घरेलू लेन-देन से अधिक राजस्व मिलने की वजह से जीएसटी राजस्व संग्रह बढ़ा है.
जीएसटी महानिदेशालय ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में बताया कि अक्टूबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 1,87,346 करोड़ रुपये (1.87 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच गया. पिछले साल की समान अवधि में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह जीएसटी राजस्व संग्रह में 8.9 फीसदी का इजाफा हुआ है. जीएसटी राजस्व संग्रह में ये वृद्धि मुख्य रूप से घरेलू लेन-देन से होने वाली आय में बढ़ोतरी के कारण हुई है.
आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर के जीएसटी राजस्व संग्रह 1,87,346 करोड़ रुपये में केंद्रीय जीएसटी का संग्रह 33,821 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 41,864 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 99,111 करोड़ रुपये और उपकर 12,550 करोड़ रुपये रहा. घरेलू लेन-देन से जीएसटी राजस्व संग्रह 10.6 फीसदी बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये हो गया. आयात पर कर अक्टूबर, 2024 के दौरान करीब चार फीसदी बढ़कर 45,096 करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान 19,306 करोड़ रुपये का रिफंड भी दिया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 18.2 फीसदी अधिक है. आंकड़ों के अनुसार रिफंड को शामिल करने के बाद शुद्ध जीएसटी राजस्व संग्रह 8 फीसदी बढ़कर 1.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है.
हिन्दुस्थान समाचार
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