देश में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है. प्रतिदिन भारतीय लोग साइबर अपराधियों का शिकार बन रहे हैं. साइबर अपराधों पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है. अब केंद्रीय गृह मंत्रालय का साइबर शाखा आई4सी ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कई चौकाने वाले खुलासे किए गए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते 10 महीनों में यानि कि जनवरी 2024 से लेकर अभी तक इन साइबर ठगों ने भारतीयों से 2 हजार 140 करोड़ रूपये हड़पे हैं. इतना ही नहीं 92,334 डिजिटल अरेस्ट की वारदातें भी हो चुकी है. रिपोर्ट से पता चला है कि प्रतिदिन करीब 214 करोड़ रूपये का नुकसान देश को हो रहा है. इन डिजिटल अरेस्ट की वारदातों पर खुद पीएम मोदी अपनी मन की बात के 115वें एपिसोड़ में चिंता जाहिर कर चुके हैं.
क्या है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट एक साइबर स्कैम है. डिजिटल अरेस्ट स्कैम में फोन करने वाले कभी पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स, आरबीआई और दिल्ली या मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर आत्मविश्वास से बात करते हैं. वॉट्सएप या स्काइप कॉल पर जब कनेक्ट करते हैं तो आपको फर्जी अधिकारी एकदम असली से लगते हैं. वे लोग पीड़ित इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं. डराते-धमकाते हैं और सेटलमेंट के नाम पर लोगों से मोटी रकम हड़प लेते हैं. आम लोग इन शातिर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं.
विदेशों से चलाया जा रहा रैकेट
बताया जा रहा है कि इन लोगों ने इस तरह से करोड़ों रूपये विदेशी खातों में ट्रांसफर करवाए हैं. विदेश में बैठे अपराधी इस ठगी रैकेट को ऑपरेट कर रहे हैं. थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम जैसों देशों से रैकट्स को संचालित किया जा रहा है. आई4सी की रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इस रैकेट में 30-40 प्रतिशत भारतीय लोग शामिल है.
सरकार लगातार कर रही जागरूक
साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के संबंध में केंद्र सरकार लगातार आम लोगों को जागरूक कर ही है. गृह मंत्रालय और सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से साइबर सिक्योरिटी फर्म CERT-IN लगातार जारुकता फैलाकर ऐसे फ्रॉड कॉल और मैसेज से सतर्क रहने की सलाह दे रही है और इसकी जानकारी स्थानीय थाने में करने की अपील भी कर रही है.
ये भी पढ़ें- UP: स्लोगन-पोस्टरों पर सियासत तेज, अखिलेश ने BJP के नारे को बताया निराशा-नाकामी का प्रतीक
ये भी पढ़ें- Ind Vs Nz 3rd Test, Second Day: गिल-पंत ने कराई भारत की वापसी, लंच तक भारत ने 5 विकेट पर बनाए 195 रन
कमेंट