Kolkata Rape and Murder Case Update: आर.जी. कर अस्पताल कांड में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में मुख्य आरोपित सिविक वॉलंटियर के खिलाफ आज सोमवार को सियालदह अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाएगी. इससे मामले में न्यायिक प्रक्रिया का प्रारंभ होगा. इस मामले की पहली चार्जशीट पिछले महीने सीबीआई ने दाखिल की थी जिसमें मुख्य आरोपित के रूप में सिविक वॉलंटियर का नाम दर्ज किया गया था. इसके साथ ही, सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में आर.जी. कर के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और टाला थाने के तत्कालीन अधिकारी अभिजीत मंडल के नाम भी शामिल किए गए हैं.
इस वर्ष नौ अगस्त को आर.जी. कर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग की चौथी मंजिल पर सेमिनार हॉल से महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था. उसी रात को कोलकाता पुलिस ने आरोपित सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया. 58 दिन बाद, सात अक्टूबर को सीबीआई ने चार्जशीट दायर की जिसमें आरोपित को अपराध से जुड़े पुख्ता सबूतों के आधार पर दोषी ठहराया गया है. जांच में आरोपित के खिलाफ कुल 11 सबूत प्राप्त हुए हैं जिनमें गवाहों के बयान, वीडियो फुटेज, फोरेंसिक और वैज्ञानिक रिपोर्ट शामिल हैं.
प्रमुख सबूत और जांच की दिशा
सीबीआई के अनुसार, घटना स्थल की सीसीटीवी फुटेज में आरोपित सिविक वॉलंटियर को टी-शर्ट, जींस, हेलमेट और हेडफोन के साथ अस्पताल के गलियारे में जाते हुए देखा गया था. फुटेज में नौ अगस्त की सुबह 4:03 का समय दर्ज है, जब यह घटना घटी थी. चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि उस रात आरोपित का मोबाइल लोकेशन भी अस्पताल के पास ही था. मृतक महिला डॉक्टर के शरीर से आरोपित का डीएनए मिलना, उसके कपड़ों पर खून के धब्बे, घटनास्थल से बरामद बालों का आरोपित के बालों से मेल खाना और ब्लूटूथ ईयरफोन का उससे जुड़ा होना प्रमुख सबूतों में शामिल हैं.
सीबीआई ने यह भी कहा कि आरोपित के शरीर पर चोट के निशान हैं जो घटना की रात महिला डॉक्टर के प्रतिरोध के कारण लगे थे. घटना के समय की फोरेंसिक रिपोर्ट से भी पता चला है कि आरोपित के शरीर पर मौजूद चोटें हाल की ही हैं. इसके अतिरिक्त, फॉरेंसिक रिपोर्ट से भी यह स्पष्ट हुआ है कि मृतका के कपड़े जोर-जबरदस्ती से उतारे गए थे, जिससे आरोपित की संलिप्तता और स्पष्ट हो गई.
पोलिग्राफ टेस्ट और आरोपित का बयान
कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार आरोपित पर अपराध स्वीकारने का दावा किया था. हालांकि, आरोपित के वकील ने अदालत में कहा कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसे फंसाया गया है. सीबीआई ने भी बताया कि आरोपित ने जांचकर्ताओं को भ्रमित करने की कोशिश की है और उसके बयानों में विरोधाभास हैं. अदालत के आदेश के बाद आरोपित का पॉलिग्राफ टेस्ट भी कराया गया. इस टेस्ट में आरोपित से 10 प्रश्न पूछे गए थे, जिनमें उसने हर बार अपराध में संलिप्तता से इनकार किया और कहा कि वह अपने दोस्त के भाई को देखने अस्पताल गया था.
आगे की जांच
चार्जशीट में संदीप घोष और अभिजीत मंडल का नाम यह जांचने के लिए शामिल किया गया है कि इस अपराध में कहीं किसी बड़े षड्यंत्र या अन्य लोगों की भूमिका तो नहीं है. इस दिशा में आगे की जांच के बाद अतिरिक्त चार्जशीट भी दाखिल की जाएगी.
हिन्दुस्थान समाचार
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