Jammu-Kashmir Politics: भाजपा के हंगामे के बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने बुधवार को विशेष दर्जा बहाल करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. विधानसभा ने ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित कर केंद्र से विशेष दर्जा बहाल करने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों से बातचीत करने को कहा.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में जो वादा किया था, उसके अनुसार उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी की बहाली की मांग करते हुए प्रस्ताव पेश किया, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा करता है और उसे एकतरफा हटाने पर चिंता व्यक्त करता है.
इसमें भारत सरकार से जम्मू-कश्मीर के लोगों के चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ विशेष दर्जे की बहाली के लिए बातचीत शुरू करने का भी आग्रह किया. विधानसभा में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने और अनुच्छेद 370 को ‘एकतरफा हटाने’ की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित होने के बाद भाजपा विधायकों ने सदन के वेल में आकर ‘पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा’ के नारे लगाए. .
भाजपा विधायक इस कदम का विरोध करने के लिए सदन के वेल में आ गए जिससे सदन में हंगामा मच गया. स्पीकर द्वारा ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद वे ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस शर्म करो’ और ‘पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा’ जैसे नारे लगाते रहे. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि सदन के अध्यक्ष यह कहने के बावजूद कि वह किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, सत्ता पक्ष का पक्ष ले रहे हैं, हालांकि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस का पक्ष ले रहे हैं.
भाजपा नेता शाम लाल शर्मा सदन के वेल में टेबल पर चढ़ गए और कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं के साथ खेलने की 1947 से ही नेशनल कॉन्फ्रेंस की चाल है. उन्होंने कहा कि शेख अब्दुल्ला से लेकर उमर अब्दुल्ला तक, जम्मू-कश्मीर को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करना आम बात रही है. स्पीकर को स्वतंत्र होना चाहिए और किसी भी पार्टी का पक्ष नहीं लेना चाहिए. इस बीच भाजपा विधायकों ने नारे लगाए जहां हुआ बलिदान मुखर्जी, वो कश्मीर हमारा है, देशद्रोही एजेंडा नहीं चलेगा.
हिंदुस्थान समाचार
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