Jammu-kashmir Assembly: जेल में बंद बारामूला लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख द्वारा अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए एक बैनर दिखाए जाने के बाद गुरुवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामा मच गया और कुछ सदस्य हाथापाई पर भी उतारू हो गए. आज की घटना जम्मू-कश्मीर में चल रहे पांच दिवसीय सत्र के बीच हुई है, जो सोमवार को शुरू हुआ था.
जैसे ही सत्र शुरू हुआ, विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने बुधवार को धारा 370 प्रस्ताव की बहाली से जुड़ा प्रसताव को पारित करने को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान जब भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा प्रस्ताव पर बोल रहे थे, तभी लंगेट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक खुर्शीद अहमद शेख बैनर दिखाते हुए वेल में कूद गए. जवाब में विरोध कर रहे बीजेपी नेताओं ने बैनर छीनकर फाड़ दिया.
#WATCH | Srinagar: Session of J&K Assembly resumes after it was briefly adjourned following a ruckus when Engineer Rashid's brother & Awami Ittehad Party MLA Khurshid Ahmad Sheikh displayed a banner on the restoration of Article 370.
Marshals took a few Opposition MLAs of the… pic.twitter.com/cIxIPfpjRh
— ANI (@ANI) November 7, 2024
इसके परिणामस्वरूप, सदन के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया. स्पीकर द्वारा धारा 370 की बहाली का प्रस्ताव पारित किये जाने के बाद विधानसभा में बुधवार को भी हंगामा हुआ था. जहां इस कदम की घाटी आधारित पार्टियों ने सराहना की, वहीं विपक्षी भाजपा ने इसे वापस लेने की मांग की. वहीं प्रस्ताव को आगे की कार्रवाई के लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को भेज दिया गया है. सोमवार को सत्र शुरू होने के बाद से विधानसभा में लगातार हंगामें भरे दृश्य देखने को मिल रहे हैं.
#WATCH | A ruckus breaks out at J&K Assembly in Srinagar after Engineer Rashid's brother & MLA Khurshid Ahmad Sheikh displayed a banner on Article 370. LoP Sunil Sharma objected to this. House adjourned briefly. pic.twitter.com/iKw8dQnRX1
— ANI (@ANI) November 7, 2024
बता दें किपीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के विधायक वहीद पारा द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के विरोध में एक प्रस्ताव पेश करने और केंद्र शासित प्रदेश की विशेष स्थिति को बहाल करने का आह्वान करने के बाद पहले दिन विवाद शुरू हो गया. गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 संविधान का एक प्रावधान था जो जम्मू और कश्मीर क्षेत्र को विशेष स्वायत्तता प्रदान करता था. इसने राज्य को अपना संविधान, ध्वज और रक्षा, संचार और विदेशी मामलों को छोड़कर आंतरिक मामलों पर स्वायत्तता की अनुमति दे रखी थी.
PDP moves a fresh resolution in J&K Assembly seeking restoration of Articles 370 and 35A. pic.twitter.com/zTRSRE4mCG
— ANI (@ANI) November 7, 2024
5 अगस्त, 2019 को, केंद्र ने अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया. इसके बाद जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को प्रभावी ढंग से हटा दिया गया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित किया गया.
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