भारत ने गुरुवार को कहा कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर हाल के समय में खतरा बढ़ा है.इस संबंध में भारत लगातार कनाडा से इस मुद्दे को उठाता रहा है. हाल ही में पर्याप्त सुरक्षा नहीं दे पाने के कारण दूतावास की ओर से आयोजित कांसुलर शिविरों को रद्द करने का निर्णय लिया गया है.
उल्लेखनीय है कि टोरंटों स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सामुदायिक शिविर आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थता जताने पर कुछ निर्धारित कांसुलर शिविरों को रद्द करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कहा, “हां, मैं आपको बताना चाहूंगा कि हमने अपने राजनयिकों के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा था, जहां कांसुलर शिविर आयोजित किया जाना था और कनाडाई पक्ष द्वारा सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है.”
उन्होंने कहा कि कांसुलर शिविर को पिछले सप्ताहांत से आयोजित करने की योजना बनाई जा रही थी.कनाडा में हमारा एक बड़ा प्रवासी समुदाय है.इनमें से कई लोगों को नवंबर और दिसंबर के आसपास भारत में अपनी पेंशन और अन्य गतिविधियों को जारी रखने के लिए कई दस्तावेजों की आवश्यकता होती है.ऐसे में कांसुलर शिविर भारतीय और भारतीय मूल के लोगों को सहायता देते हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कुछ समय से भारतीय राजनयिकों पर हमला, धमकाना और परेशान करने जैसी घटनायें देखने में आई हैं.इससे खतरा बढ़ गया है.इसके अलावा भारतीय राजनयिकों को निगरानी में रखा जा रहा है.यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.विदेश मंत्री ने भी इस बारे में बात की है.हमने इस मामले को कनाडाई पक्ष के साथ भी बहुत मजबूती से उठाया है.
प्रवक्ता ने इस बात की भी पुष्टि की कि कनाडा ने गुरुवार (7 नवंबर) को प्रमुख मीडिया आउटलेट ऑस्ट्रेलिया टुडे के सोशल मीडिया पेजों को ब्लॉक किया है.उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि इस विशेष आउटलेट के सोशल मीडिया हैंडल पेज ब्लॉक कर दिए गए हैं और कनाडा में दर्शकों के लिए उपलब्ध नहीं हैं.यह इस विशेष हैंडल द्वारा पेनी वोंग के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रसारित करने के ठीक एक घंटे या कुछ घंटों बाद हुआ.
उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि हमें अजीब लगता है लेकिन फिर भी वे यही कहेंगे कि ऐसी हरकतें एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कनाडा के पाखंड को उजागर करती हैं. प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्री ने अपने वक्तव्य में तीन बातें कहीं थी.पहली- कनाडा बिना किसी विशेष सबूत के आरोप लगा रहा है.दूसरी- उन्होंने उजागर किया कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों की निगरानी की जा रही है.यह भारत को अस्वीकार्य है.तीसरी- कनाडा भारत विरोधी तत्वों को मंच प्रदान कर रहा है.इससे निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ऑस्ट्रेलिया टुडे चैनल को कनाडा द्वारा क्यों ब्लॉक किया गया .
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बार फिर ब्रैम्पटन में मंदिर पर हुए हमले की निंदा की.उन्होंने कहा कि हमने कनाडाई सरकार से कानून का शासन बनाए रखने और हिंसा करने वाले लोगों को न्याय के कटघरे में लाने का भी आह्वान किया.हमें उम्मीद है कि कनाडाई सरकार उचित कार्रवाई करेगी.
हिन्दुस्थान समाचार
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