Karnataka: वक्फ बोर्ड को लेकर हो देश में मनमानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं, कहीं भी कब्जा करने की प्रवत्ति से बोर्ड को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान वक्फ बोर्ड को कई संपत्तियों, प्रोपर्टियों पर मनमानी तरीके से शक्तियां दी गई, जिसके चलते उन्होंने अवैध तरीके से अपना कानून लगाकर कब्जा कर लिया. अब वक्फ बोर्ड कई घरों, गांवों, किलों की जमीनों पर दावा ठोक रहा है. बीते 10 ऐसे कई मामले सामने आ गए हैं जोकि इनकी मनमानीयों को उजागर कर रहे हैं.
बता दें कि हाल ही में वक्फ बोर्ड ने कर्नाटक के हावेरी जिले के कडाकोला गांव की 3 संपत्तियों पर अपना दावा पेश कर दिया है. उनके इस तरह के बयानों से लोगों आतंकित है कि कहीं बोर्ड पूरे गांव पर ही अपना दावा न कर दे. इसी से भड़के लोगों ने मुस्लिम नेताओं को निशाना भी बनाया है. वहीं बीदर में भी वक्फ बोर्ड ने किसान की 18.60 एकड़ की जमीन को अपना बताया है. बता दें कि किसान ने लगभग 30 साल पहले अपनी जमीन पर एक मुस्लिम के शव को दफनाने की मंजूरी दी थी जिसके बाद अब उसी को आधार बनाकर वक्फ बोर्ड उस संपत्ति पर अपना दावा पेश कर रहा है.
वहीं कर्नाटक के कोडागू जिले में अंतर्गत कुशलनगर में वक्फ बोर्ड ने अपनी जमीन बताकर एक महिला की पैतृक जमीन को हड़ने की कोशिश की. इन साजिशों का पर्दाफाश करते हुए रेणुका उथप्पा नामक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. उसने बताया कि कैसे वक्फ बोर्ड ने षडयंत्र रच के उसकी पैतृक जमीन को खाली करने पर मजबूर कर दिया.
इतना ही नहीं हाल ही में वक्फ बोर्ड की तरफ से बीदर जिले की जमीन पर स्थित ऐतिहासिक बीदर किले पर भी अपना दावा पेश कर दिया है. उन्होंने किले के अंदर मौजूद 17 संपत्तियों को अपना घोषित किया है. वक्फ बोर्ड की मनमानी पर जिला प्रशासन ने साफ करते हुए बताया कि जिन जमीनों पर बोर्ड दावेदारी दे रहा है वो सभी किले के प्रमुख भागों में से एक हैं. किले का सारा इलाका भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के तहत आता है जिस पर उन्हीं का नाम दर्ज है इसके बाद भी बोर्ड इस तरह की मनमानी करने पर उतारू है.
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