विदेशी फंडिंग की मदद से चलने वाले ज्यादातर NGO न केवल देश के खिलाफ साजिश रचते हैं बल्कि कनवर्जन, देश में अराजकता फैलाने गतिविधियों का भी हिस्सा होते हैं. ऐसे NGO पर नकेल कसने का केंद्र सरकार ने पूरा मन बना लिया है. इस पर एक्शन लेने के लिए केंद्र सरकार ने एक नोटिस जारी किया है इसके तहत इस प्रकार के सभी NGO के FCRA लाइसेंस को रद्द किया जाएगा.
दरअसल, हाल ही में देश की केंद्र सरकार की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें अगर कोई एनजीओ अपने चुने गए लक्ष्यों को छोड़कर केवल विदेशी चंदे के लिए देश विरोधी कार्य करने की कोशिश करेगा तो उसका FCRA लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा. इसके साथ ही उन गैर सरकारी संगठनों पर भी एक्शन लिया जाएगा जो बने तो हुए हैं मगर पिछले दो-तीन सालों से कुछ खास कार्य नहीं कर रहे हैं और निष्क्रिय हैं.
इसके साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से उन गैर सरकारी संगठनों पर भी कार्रवाही होगी जो किसी खास उद्देश्य के लिए खुले थे मगर उसे छोड़कर कुछ अपराधिक कार्य कर रहे हैं. या फिर कनवर्जन जैसी साजिशों में शामिल हैं और सवाल पूछने पर जबाव नहीं दे पाते हैं.
FCRA लाइसेंस आखिर है क्या, समझे ?
यहाँ यह जान लेना भी बहुत जरूरी है कि आखिर ये FCRA हैं क्या तो आपको बता दें कि फॉरेन कंट्रीब्युशन रेगुलेशन एक्ट एक कानून है. इसका उद्देश्य भारत में विदेशों से आने वाले चंदों पर नजर रखना और उसको नियंत्रित करना है. ऐसा करने और इसकी चाहत रखने वाले एनजीओ पहले इसमे एक्ट में अपना रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. इसमें जरूरी है कि किसी भी तरह की खामी या अवैध फंडिंग या उसका दुरुपयोग का मामला आता है तो वो संस्था उसके खिलाफ कार्रवाही कर सकती है.
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