भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग के टकराव वाले क्षेत्रों में सफल डिसइंगेजमेंट के बाद पेट्रोलिंग का एक दौर पूरा कर लिया है. दोनों देशों की सेनाएं उन क्षेत्रों में हर हफ्ते एक समन्वित पेट्रोलिंगकरने पर भी सहमत हुई हैं,जहां 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद से तनाव बना हुआ है.
भारत और चीन दोनों स्थानों पर समझौतों का पालन कर रहे हैं. दोंनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग के जरिए यह सुनिश्चित कर चुकी हैं कि डिसइंगेजमेंट प्रोसेस पूरा हो चुका है. दोनों पक्ष इन दोनों स्थानों पर सभी अस्थायी बुनियादी ढांचे को हटाने पर सहमत हुए हैं. दोनों देशों ने अक्टूबर में सैनिकों की वापसी की वार्ता पूरी होने के बाद नवंबर की शुरुआत में क्षेत्र में पहली समन्वित पेट्रोलिंग की.
समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में एक पेट्रोलिंग भारतीय सैनिकों द्वारा की जाएगी और एक पेट्रोलिंग चीनी सैनिकों द्वारा की जाएगी. स्थिरता बनाए रखने के लिए, स्थानीय कमांडरों के स्तर पर बातचीत जारी रहेगी, जिसमें ब्रिगेडियर और समान रैंक के अधिकारी शामिल होंगे.
इन चर्चाओं का उद्देश्य पेट्रोलिंगप्रोटोकॉल को परिष्कृत करना और किसी भी शेष मुद्दे का समाधान करना है. दिवाली पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने 31 अक्टूबर को मिठाइयों का पारंपरिक आदान-प्रदान किया था. गौरतलब है कि जून 2020 में गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी. इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.
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