भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपने नाम एक और खास उपलब्धि हाासिल कर ली है. हाल ही में ओडिसा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल (LRLACM) का सफल परिक्षण किया गया है. यह इतिहास में पहली बार इस तरह की मिसाइल का सफल परिक्षण है. इस मिसाइल की खूबियां दुश्मन के हौसले पस्त कर उनके होश उड़ा रही है. बता दें कि यह एक हजार किलोमीटर दूर तक लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है.
बता दें कि इस मिसाइल से आसानी से पाकिस्तान और चीन की सीमा के अंदर जा सकती है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस परिक्षण में मिसाइल ने अपनी सभी उप प्रणालियों के चरणों को सफलतापूर्वक पार किया है. इसके अंदर एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयक की उन्नत प्रणालियों का प्रयोग किया है जो इसे ज्यादा सटीक बनाती है. इसके साथ ही मिसाइल में पॉइंट नेविगेशन के प्रयोग से ये विभिन्न दूरियों पर उड़ान भर सकती है यह दुश्मन की रड़ार बच निकलने में मदद करती है. वहीं इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्रो सेंसर इसे और भी खास और सटीक बनाते हैं.
इस मिसाइल को DRDO के बेंगलुरु स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने भारतीय उद्योग, भारत डायनेमिक्स, भारत इलेक्ट्रोनिक्स की मदद से तैयार किया गया है. इसकी सटीकता और मारक क्षमता दुश्मनों की नींद उड़ा रही है. इस मिसाइल के सफल परिक्षण ने स्वदेशी रक्षा क्षमता के एक नए अध्याय को शुरू किया है. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए DRDO और इससे जुड़े सभी भारतीय उद्योगों को बधाई दी है. साथ ही इसे स्वदेशी मिसाइल के निर्माण में मील की पत्थर बताया है.
(LRLACM) लॉन्ग रेंज क्रूज मिसाइल को एक मोबाइल लॉन्चर की मदद से जमीन से आसानी से दागा जा सकता है वहीं यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल से इसे नौसेना के जहाजों में प्रक्षेपित किया जा सकता है. इसकी बाकी खूबियां इसे सभी से अलग और जुदा बनाती है जोकि अब पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है. लंबी दूरी की रक्षा प्रणालियों के भविष्य के लिए इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है. जोकि देश की सामरिक क्षमता को बढ़ाने के साथ दुश्मन की नींद उड़ाने में मदद करेगी.
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