डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) इस समय काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं. अगले साल की शुरुआत में डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति के रुप में शपथ लेंगे. लेकिन इसे पहले ट्रंप कई अहम पदों पर नियुक्तियां भी कर चुके हैं. ट्रंप ने अपने प्रशासन में भारतीय विवेक रामस्वामी (Vivek RamaSawami) को भी शामिल किया है. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क संग इन्हें भी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी (DOGE) विभाग की जिम्मेदारी नियुक्त की गई है. रिपब्लिकन पार्टी से इलेक्शन में समय राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी ठोकने वाले विवेक स्वामी ने अचानक यूटर्न लेते हुए डोनाल्ड ट्रंप को सपोर्ट दिया. फिर क्या, तभी से विवेक स्वामी की गिनती ट्रंप के वफादरों में होने लगी थी.
लेकिन काफी हैरान करने वाला प्रश्न यह है कि जो इंसान (विवेक रामस्वामी) एक समय में ट्रंप के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुआ था अचानक उस पर ट्रंप को इतना विश्वास कैसे हो गया? अपने कैबिनेट में हिंदु के पैरोकार विवेक को शामिल कर आखिरकार ट्रंप पूरे देश और दुनिया में क्या मैसेज देना चाहते हैं. इतना ही ट्रंप ने विवेक स्वामी को अमेरिका का देशभक्त तक कह दिया है.
अवैध प्रवासी पर रामस्वामी और ट्रंप की सोच काफी हद तक थी मिली जुली
दरअसल विवेक स्वामी को कई मौके पर यह कहते हुए पाया गया है कि अगर वे अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं, तो देश में गैर कानूनी रुप से रह रहे लोगों को उनके देश भेजा जाएगा. इन अवेध प्रवासियों को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा. इतना ही नहीं इन अवैध प्रवासियों के अमेरिका में जन्मे बच्चों को नागरिकता भी खत्म कर दी जाएगी.
विवेक रामस्वामी की अवैध प्रवासियों को लेकर जो राय है वह पूरी तरह से ट्रंप से मिलती हई नजर आती है. दोनों ने अमेरिका में अवैध रुप से रहने वाले प्रवासियों के खिलाफ हैं.
चीन के कट्टर विद्रोही है विवेक रामस्वामी
विवेक रामस्वामी को चीन का कट्टर विद्रोही माना जाता है. उनका मानना है कि चीन की नीतियां अमेरिका के कारोबार को लेकर ठीक नहीं रही है. साथ ही उन्होंने अमेरिका की चीन पर बनी निर्भरता को भी पूरी तरह से खत्म करने को कहा है. वहीं दूसरी ओर विवेक स्वामी हमेशा से अमेरिका फर्स्ट के समर्थक रहे हैं. वह हमेशा उसका प्रचार करते हैं.
मैं हिंदू हूं, मैं कोई फर्जी हिंदू नहीं हो, जो अपने करियर के लिए झूठ बोलो: विवेक रामस्वामी
एक बार विवेक रामस्वामी से उनके धर्म को लेकर सवाल पूछा गया था, तो उन्होंने कहा था कि मैं हिंदू हूं और मुझे इस बात पर पूरा गर्व है. मैं एक हिंदू हूं मुझे सिखाया गया है कि भगवान ने हमें यहां किसी मकसद के साथ भेजा है. मैं कोई फर्जी हिंदू नहीं हो. जो केवल अपने करियर के लिए अपना धर्म बदला दूं.
जानिए कौन हैं विवेक रामस्वामी?
विवेक रामस्वामी मूल रुप से भारतीय है. 39 साल के विवेक टेक फील्ड के खूब बड़े बिजनेसमैन है. उनका जन्म तमिल के ब्राह्मण परिवार में हुआ था. बचपन में ही विवेक अपने परिवार संग अमेरिका चले गए थे. उनका पूरा बचपन ओहायो में बिता. वह अक्सर अपने परिवार संग मंदिर जाया करते थे. हावर्ड यूनिवर्सिटी से उन्होंने बायोलॉजी में अपनी डिग्री पूरी हासिल की. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने के लिए येल लॉ स्कूल चले गए. वह से उन्होंने अपना ग्रेजुऐश्न पूरा किया.
साल 2014 में उन्होंने विवेक ने अपने बायोटेक कंपनी Roivant Science की स्थापना की थी. जो बड़ी-बड़ी कपंनियों से दवाईयों के लिए पेटेंट खरीदती है. लेकिन साल 2021 में उन्होंने अपनी कंपनी के CEO पद से इस्तीफा दे दिया था.
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