नई दिल्ली: भारत खालिस्तान टाइगर फोर्स के कथित मुखिया अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श दल्ला की कनाडा में हालिया गिरफ्तारी के मद्देनजर उसके प्रत्यर्पण का प्रयास करेगा. विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत में अर्श दल्ला के आपराधिक रिकॉर्ड और कनाडा में अवैध गतिविधियों में उसकी संलिप्तता को देखते हुए उम्मीद है कि उसे भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित या निर्वासित किया जाएगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गिरफ्तारी पर मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि हमने खालिस्तान टाइगर फोर्स के वास्तविक प्रमुख, घोषित अपराधी अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श दल्ला की कनाडा में गिरफ्तारी पर 10 नवंबर से प्रसारित मीडिया रिपोर्टें देखी हैं. कनाडाई प्रिंट और विज़ुअल मीडिया ने गिरफ्तारी पर व्यापक रूप से रिपोर्ट दी है. हम समझते हैं कि ओंटारियो कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है.
प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने जुलाई 2023 में कनाडा सरकार से उसकी अंतरिम गिरफ्तारी का अनुरोध किया था. इसे अस्वीकार कर दिया गया. इस मामले में अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करायी गई. जनवरी 2023 में ही अर्श दल्ला के संदिग्ध आवासीय पते, भारत में उसके वित्तीय लेनदेन, चल-अचल संपत्तियों, मोबाइल नंबरों के विवरण आदि को सत्यापित करने के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत कनाडा को एक अलग अनुरोध भी भेजा गया था . दिसंबर 2023 में, कनाडा के न्याय विभाग ने मामले पर अतिरिक्त जानकारी मांगी. इन सवालों का जवाब इस साल मार्च में भेजा गया था.
उल्लेखनीय है कि अर्श दल्ला हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आतंकी वित्तपोषण सहित आतंकवादी कृत्यों के 50 से अधिक मामलों में घोषित अपराधी है. मई 2022 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. उसे 2023 में भारत में आतंकवादी घोषित किया गया था.
हिन्दुस्थान समाचार
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