केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को दिल्ली में सराय काले खां के पास बांसेरा पार्क में भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की 20 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. सराय काले खां आईएसबीटी बस स्टैंड के बाहर बड़े चौक को अब भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा.
आज ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर नई दिल्ली के बांसेरा उद्यान में भगवान बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मोदी सरकार द्वारा सराय काले खां चौक का नाम बदलकर ‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’ करने का निर्णय भी लिया गया।
जल, जंगल, और जमीन की रक्षा को अपने जीवन का ध्येय… pic.twitter.com/grJGhvV7r4
— Amit Shah (@AmitShah) November 15, 2024
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर कहा, “आज भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती है और इस अवसर पर मैं भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को बधाई देना चाहता हूं।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में ही आज के दिन को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी. बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर यह पूरा वर्ष ‘आदिवासी गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के महानायकों में से एक भगवान बिरसा मुंडा ने अल्प आयु में ही अपनी पढ़ाई के साथ धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाने का साहसिक कार्य किया. भगवान बिरसा मुंडा आदिवासियों के लिए अपनी मूल संस्कृति के तो उद्धारक बने ही साथ ही उन्होंने 25 वर्ष की अल्प आयु में देशवासियों को अपने कर्मों के माध्यम से यह बताया कि जीवन कैसा हो, किसके लिए हो और किस ध्येय के लिए समर्पित हो.
शाह ने कहा कि जल, जंगल और जमीन ही आदिवासियों के लिए सब कुछ है. इस संस्कार को पुनर्जीवित करने और जनजातीय समाज में जागरूकता लाने का काम बिरसा मुंडा ने किया. भगवान बिरसा मुंडा के स्वतंत्रता और धर्मांतरण के खिलाफ चलाये गए आंदोलनों के लिए यह देश उनका सदैव आभारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासी संस्कृति की रक्षा के अपना जीवन समर्पित कर दिया तो दूसरी ओर 25 वर्ष की आयु में उन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. यह देश उनके अद्वितीय त्याग को हमेशा याद करता रहेगा.
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मौके पर घोषणा की कि यहां आईएसबीटी बस स्टैंड के बाहर बड़े चौक को भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा और उस चौक का नाम देखकर न केवल दिल्ली के नागरिक बल्कि अंतरराष्ट्रीय बस स्टैंड पर आने वाले लोग भी निश्चित रूप से उनके जीवन से प्रेरित होंगे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: बिहार में आज जनजातीय गौरव दिवस मनाएंगे पीएम मोदी, 6000 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं की देंगे सौगात
कमेंट