Andhra Pradesh News: तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने सोमवार को अपनी 54वीं गवर्निंग काउंसिल की पहली बैठक की. बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें बोर्ड में काम कर रहे गैर-हिंदुओं को या तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने या आंध्र प्रदेश में अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरण का विकल्प दिया जाएगा.
टीटीडी एक स्वतंत्र सरकारी ट्रस्ट है जो दुनिया के सबसे अमीर हिंदू मंदिर तिरुपति में तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करता है. टीटीडी के अध्यक्ष बी. आर. नायडू ने कहा कि बोर्ड में काम करने वाले जो गैर हिंदू कर्मचारी हैं उनसे चर्चा की जाएगी. अगर वो स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने का विकल्प दिया जाएगा. नहीं तो उन्हें आंध्र प्रदेश में अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरण किया जाएगा.
सूत्रों ने कहा कि टीटीडी का ये नया कदम बोर्ड के 7,000 स्थायी कर्मचारियों में से लगभग 300 प्रभावित करेगा. टीटीडी में लगभग 14,000 अनुबंध कर्मचारी भी कार्यरत हैं. वहीं बी. आर. नायडू ने ये भी बताया कि श्रीनिवास सेतु का नाम बदल दिया गया है. अब उसका नाम गरुड़ वरधी रखा गया है. मुमताज होटल के निर्माण के लिए जो स्थल प्रस्तावित है उसको लेकर अब सरकार से गुजारिश की जाएगी कि उसे टीटीडी को ट्रांसफर कर दिया जाए.
टीटीडी द्वारा लिए गए अन्य प्रमुख निर्णयों में तिरुमाला के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के समय को दो-तीन घंटे तक कम करने के लिए कार्य योजना का सुझाव देने के लिए विशेषज्ञों का एक पैनल गठित करना, वहां राजनीतिक बयान देने पर प्रतिबंध, लड्डू तैयार करने के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले घी की खरीद शामिल है.
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