नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में अवैध खनन के मामले में भारत सरकार का रुख साफ है. उनका मानना है कि इसकी सर्वे ऑफ इंडिया से जांच करवाई जानी चाहिए. मगर इस पर पंजाब सरकार की तरफ से आपत्ति जताई गई है. इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा का है इससे आपको क्या आपत्ति हो सकती है?
बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए गुरबीर सिंह पन्नू ने सीमावर्ती इलाकों में अवैध खनन का मामला उठाया था. मामले की सुनवाई के दौरान सर्वे ऑफ इंडिया से इस अवैध खनन पर सर्वे करवाने की मांग उठी तो पंजाब सरकार ने इस पर आपत्ति जताई. बता दें कि न्यायालय ने अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.
इस मामले में अदालत ने बताया कि बॉर्डर के इलाकों में चल रहे अवैध खनन से वहां बड़ी-बड़ी सुरंगें और खड्डे बन गए हैं. यह सुरंगे अवैध तरीके से घुसपैठियों की छिपने में मदद कर रहे है. यह देश की सुरक्षा का विषय है इसके बाद भी पंजाब सरकार आपत्ति कैसे जता सकती है. कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर सरकार किसे और क्यों बचाने का प्रयास कर रही है? इस तरह के मामलों में कोर्ट सरकारी सहयोग की उम्मीद करता है न कि आपत्ति की.
वहीं बता दें कि कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को 2 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है और पंजाब सराकर से जल्द से जल्द जवाब दाखिल करने को कहा है. आज की सुनवाई में केंद्र ने अपना रुख साफ कर दिया.
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