उत्तर प्रदेश: संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद पिछले लंबे समय से विवादों के घेरे में रही है. इस मस्जिद में हिंदू पक्ष की तरफ से हरि मंदिर के होने का दावा किया जा रहा है साथ ही इस पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. स्थानीय कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए अब इस मामले में मस्जिद का सर्वेक्षण और जांच के आदेश दिए हैं.
दरअसल मस्जिद को लेकर अदालत में एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें याचिकाकर्ता ने दावा किया कि संभल में मौजूद जामा मस्जिद का निर्माण 1529 में मुगलों द्वारा (बाबर) करवाया गया था. उस समय यहां मौजूद मंदिर को ध्वस्त करके उस पर मस्जिद खड़ी की गई थी. इससे पहले वहां प्राचीन हरिहर मंदिर था जोकि हिंदुओं के धार्मिक और सांस्कृतिक लिहाज से काफी जरूरी था. इस मंदिर को भगवान विष्णु के कल्कि अवतार से जोड़ा गया है.
बता दें कि इस मस्जिद को संभल की बाबरी मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है जिसका निर्माण बाबर में साल 1528 में मंदिर को तोड़कर करवाया था. कहा जाता है कि इसे मीर बेग ने बनाया था, इसमें मुगलकालीन वास्तुकला का प्रयोग किया गया है जोकि ऐतिहासिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण भी है. यह संभल की सबसे प्राचीन इमारतों में से एक है मगर धार्मिक विवाद यहां हमेशा से ही रहा है. अदालत ने सुनवाई के बाद आदेश दिया है कि इस पर एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा.
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान को कल्कि अवतार की जन्मभूमि के तौर पर देखा जाता है सदियों से यह जगह धार्मिक आस्था का केंद्र रही है. याचिकाकर्ता की तरफ से इस जगह की धर्मिक पहचान को जीवित करने का प्रयास किया गया है. सामने आने के बाद से ही यह मामला सुर्खियों में आ गया है, जो की अब पूरे देश का ध्यान खींच रहा है.
काशी की ज्ञानवापी और मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि के बाद ये देश का तीसरा बड़ा मामला है. जहां पर मस्जिद की जगह पर मंदिर होने का दावा किया जा रहा है, अदालत में जाने के बाद अब यह विवाद चर्चाओं में छा गया है.
कमेंट