UP News: उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को गुस्साए लोगों ने अदालत के आदेश के बाद शुरू किए गए मस्जिद के सर्वेक्षण का विरोध किया. दरअसल अदालत से आदेश के बाद आज दूसरी बार मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए सर्वेक्षण टीम पहुंची थी. सर्वेक्षण टीम के पहुंचते ही सैकड़ों की संख्या में लोग शाही जामा मस्जिद के पास एकत्र हो गए और उनके इस कदम का विरोध किया.
स्थिति तब और हिंसक हो गई जब भीड़ ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव किया, जो भारी पुलिस तैनाती के साथ थी.जामा मस्जिद के प्रमुख ने मस्जिद के अंदर से मस्जिद के आसपास जमा भीड़ को तितर-बितर होने का आग्रह किया गया. हालांकि इसके बाद भी लोगों ने विरोध जारी रखा. डीएम और एसपी आक्रोशित भीड़ को समझाने के लिए पहुंचे तो आक्रोशित भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी . इसके बाद पथराव शुरू कर दिया.
दरअसल, सुबह साढ़े सात बजे सर्वे की टीम जामा मस्जिद के अंदर सर्वे के लिए गई. आधे घंटे तक सब कुछ ठीक था, तभी अचानक वहां भीड़ आ गई. भीड़ की पुलिस से बहस भी हो गई. एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने मोर्चा संभाला और आक्रोशित भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए. उत्तर प्रदेश के शीर्ष पुलिस अधिकारी प्रशांत कुमार ने कहा कि अदालत के आदेश पर संभल में सर्वे कराया जा रहा है. कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया है.
उन्होंने पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.स्थिति नियंत्रण में है, पुलिस पथराव करने वालों की पहचान कर उचित कानूनी कार्रवाई कार्रवाई करेगी. बता दें कि शाही जामा मस्जिद में सर्वेक्षण सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन की एक अदालती शिकायत के बाद कराया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद मूल रूप से एक मंदिर थी.
वकील विष्णु शंकर ने दावा किया गया कि मस्जिद की जगह पर हरि हर मंदिर था. मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था.इसी तरह का एक सर्वेक्षण 19 नवंबर को किया गया था, जिसमें स्थानीय पुलिस और मस्जिद प्रबंधन समिति के सदस्य मौजूद थे.
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