प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 116वीं कड़ी को संबोधित किया. ‘मन की बात’ के 116वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”आज एनसीसी दिवस है. एनसीसी का नाम सुनते ही हमें अपने स्कूल और कॉलेज के दिन याद आ जाते हैं.
उन्होंने कि खुद एनसीसी कैडेट रहा हूं, इसलिए मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इससे मुझे जो अनुभव मिला है, वह मेरे लिए अमूल्य है. मोदी ने कहा , “एनसीसी युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व और सेवा की भावना पैदा करता है. आपने अपने आसपास देखा होगा कि जब भी कहीं कोई आपदा आती है बाढ़ हो, भूकंप हो या कोई दुर्घटना हो, एनसीसी कैडेट मदद के लिए वहां जरूर मौजूद रहते हैं.” पीएम मोदी ने युवाओ से बड़ी संख्या में एनसीसी से जुड़ने का आग्रह भी किया.
साथ ही पीएम मोदी ने कहा, “अगले साल स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती है. इस बार इसे खास तरीके से मनाया जाएगा. इस मौके पर 11 और 12 जनवरी को दिल्ली के भारत मंडपम में ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ का आयोजन किया जाएगा .इसमें पूरे राज्य, जिले और गांव से करीब 2000 युवा भाग लेंगे.”
उन्होंने कहा कि लाल किले की प्राचीर से उन्होंने ऐसे युवाओं से राजनीति में आने का आह्वान किया था, जिनके परिवार का कोई व्यक्ति और पूरे परिवार का राजनितिक पृष्ठ भूमि से नहीं है, ऐसे एक लाख युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए देश में कई तरह के विशेष अभियान चलेंगे. ‘विकसित भारत यंग लीडर डायलॉग’ भी ऐसा ही एक प्रयास है.
उन्होंने कहा कि भारत से हजारों किलोमीटर दूर गुयाना में भी एक ‘मिनी इंडिया’ मौजूद है. करीब 180 साल पहले भारत से लोगों को खेतों में मजदूरी करने और दूसरे काम के लिए गुयाना ले जाया जाता था. गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली भी भारतीय मूल के हैं और उन्हें अपनी भारतीय विरासत पर गर्व है.
एक रोचक जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने ओमान में बसे प्रवासी भारतीयों के बारे में बताया। हाल ही में ओमान में भारतीय दूतावास ने नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया के सहयोग से एक टीम ने इन परिवारों के इतिहास के संरक्षण का काम शुरू किया है। उन्होंने बताया कि अनेक भारतीय परिवार कई शताब्दियों से ओमान में रह रहे हैं। इनमें से ज्यादातर गुजरात के कच्छ से जाकर बसे हैं. इन लोगों ने व्यापार के महत्वपूर्ण लिंक तैयार किए थे. आज भी उनके पास ओमानी नागरिकता है, लेकिन भारतीयता उनकी रग-रग में बसी है.
प्रधानमंत्री ने स्लोवाकिया में स्लोवाक भाषा में उपनिषदों के अनुवाद की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रभाव का भी पता चलता है. हम सभी के लिए ये गर्व की बात है कि दुनिया भर में ऐसे करोड़ों लोग हैं, जिनके हृदय में भारत बसता है. ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के वैश्विक होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान अब दुनिया के दूसरे देशों में भी फैल रहा है. जब वे गयाना में थे, तो वहां भी इस अभियान के साक्षी बने.
जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में हो रहे कुछ प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चेन्नई के कुडुगल ट्रस्ट ने गौरैया की आबादी बढ़ाने के लिए स्कूल के बच्चों को अपने अभियान में शामिल किया है. संस्थान के लोग स्कूलों में जाकर बच्चों को बताते हैं कि गौरैया रोजमर्रा के जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है. उन्हाेंने लाइब्रेरी की उपयोगिता का उल्लेख किया. उन्होंने चेन्नई का एक उदाहरण साझा किया जहां बच्चों के लिए एक ऐसी लाइब्रेरी तैयार की गई है, जो सृजनात्मकता और सीखने की ललक का हब बन चुकी है. वहीं बिहार में गोपालगंज के ‘प्रयोग लाइब्रेरी’ की चर्चा तो आसपास के कई शहरों में होने लगी है.
ये भी पढ़ें: संभल: पथराव और आगजनी के बीच ढाई घंटे तक चला मस्जिद का सर्वेक्षण, पुलिस सुरक्षा में बार निकली सर्वे टीम
कमेंट