प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.केंद्र सरकार ने केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) शुरू करने को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की.
इस योजना का 15वें वित्त आयोग (2025-26) तक कुल परिव्यय 2481 करोड़ रुपये (भारत सरकार का हिस्सा- 1584 करोड़ रुपये; राज्य का हिस्सा- 897 करोड़ रुपये) है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मिशन मोड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) शुरू किया है.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एनएमएनएफ का उद्देश्य सभी के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए एनएफ कार्य प्रणालियों को बढ़ावा देना है. मिशन का उद्देश्य किसानों को खेती में आने वाली लागत को कम करना और बाहरी से खरीदे गए संसाधनों पर निर्भरता को कम करने में सहायता करना है. प्राकृतिक खेती स्वस्थ मृदा इकोसिस्टम का निर्माण और रखरखाव करेगी, जैव विविधता को बढ़ावा देगी और प्राकृतिक खेती के अनुसार लाभकारी स्थानीय स्थायी खेती के लिए उपयुक्त लचीलापन बढ़ाने के लिए विविध फसल प्रणालियों को प्रोत्साहित करेगी.
अगले दो वर्षों में, एनएमएनएफ को इच्छुक ग्राम पंचायतों के 15 हजार समूहों में लागू किया जाएगा तथा 1 करोड़ किसानों तक पहुंचाया जाएगा और 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती (एनएफ) शुरू की जाएगी. एनएफ खेती करने वाले के प्रचलन वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके अलावा, किसानों के लिए उपयोग के लिए तैयार एनएफ लागत की आसान उपलब्धता और पहुंच प्रदान करने के लिए आवश्यकता-आधारित 10 हजार जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (बीआरसी) स्थापित किए जाएंगे.
केंद्र सरकार सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक सामान्य पहचान के रूप में पैन कार्ड के उपयोग को सक्षम बनाने के लिए पेन 2.0 परियोजना भी लाई है. परियोजना के लिए 1435 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. पैन को अपग्रेड करने के लिए पैन धारकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.आयकर विभाग की पैन 2.0 परियोजना को आज मंजूरी दी गई.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पैन 2.0 परियोजना करदाता पंजीकरण सेवाओं से जुड़ी प्रौद्योगिकी को बदलेगी. इससे बेहतर गुणवत्ता के साथ पहुंच में आसानी और त्वरित सेवा वितरण संभव होगा. सत्य और डेटा संगतिका एकल स्रोत तैयार होगा. आसान प्रक्रियाएँ और लागत अनुकूलन होने के साथ अधिक सुरक्षित बुनियादी डिजिटल ढांचा तैयार होगा. उन्होंने बताया कि यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 पारिस्थितिकी तंत्र का अपग्रेड होगा जो मुख्य और गैर-मुख्य पैन/टैन गतिविधियों के साथ-साथ पैन सत्यापन सेवा को समेकित करेगा.
आज रेल मंत्रालय की तीन परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है. तीनों परियोजनाओं की लागत 7,927 करोड़ रुपये (लगभग) है और इन्हें चार वर्षों में पूरा किया जाएगा. तीन राज्यों- महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को कवर करने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 639 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी. क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 51 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये परियोजनाएं हैं: जलगांव-मनमाड चौथी लाइन (160 किमी), भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी) और प्रयागराज (इरदतगंज)-मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी). उन्होंने कहा कि प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से परिचालन आसान होगा और भीड़भाड़ कम होगी, जिससे मुंबई और प्रयागराज के बीच सबसे व्यस्ततम खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढांचागत विकास होगा.
अरुणाचल प्रदेश में अरुणाचल प्रदेश के शि योमी जिले में हीओ हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना (एचईपी) और टाटो-I जलविद्युत परियोजना (एचईपी) को भी मंजूरी प्रदान की गई है. मंत्रिमंडल ने टाटो-I जलविद्युत परियोजना (HEP) के निर्माण के लिए 1750 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है. परियोजना के पूरा होने की अनुमानित अवधि 50 महीने है. वहीं हीओ हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना (एचईपी) के निर्माण के लिए 1939 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है। परियोजना के पूरा होने की अनुमानित अवधि 50 महीने है.
विद्वानों के शोध लेखों और जर्नल प्रकाशन तक देशव्यापी पहुंच प्रदान करने के लिए एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना, वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन को भी मंजूरी दी गई है. नई केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में 3 कैलेंडर वर्षों 2025, 2026 और 2027 के लिए वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन के लिए कुल लगभग 6 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का लाभ केंद्र या राज्य सरकार के प्रबंधन के तहत आने वाले सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को एक केंद्रीय एजेंसी, सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) द्वारा समन्वित राष्ट्रीय सदस्यता के माध्यम से प्रदान किया जाएगा. इस सूची में 6,300 से अधिक संस्थान शामिल हैं. लगभग 1.8 करोड़ छात्र, संकाय और शोधकर्ता शामिल हैं, जो संभावित रूप से वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का लाभ उठा सकेंगे.
हिंदुस्थान समाचार
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