Maharashtra: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को पार्टी पदाधिकारियों को ईवीएम के विरोध में राज्य सहित देश में लड़ाई तेज करने को कहा है. उन्होंने इस लड़ाई को कानूनी तरीके से लड़ने के लिए राज्य स्तर और देश स्तर पर वकीलों की टीम गठित करने का निर्देश भी पार्टी नेताओं को दिया है. इसी कड़ी में आज शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी पराजित उम्मीदवारों को हर विधानसभा क्षेत्र में शिकायत करने का आदेश दिया है.
महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मंगलवार को शरद पवार ने अपने पार्टी के नेताओं पराजित उम्मीदवारों की बैठ मुंबई के वाई बी प्रतिष्ठान में बुलाई थी. इस बैठक में लगभग सभी पराजित उम्मीदवारों ने ईवीएम पर संदेह व्यक्त किया. ईवीएम में चुनाव के बाद वोटों के आंकड़े और मतगणना के बाद वोटों के आंकड़े में जमीन आसमान का फर्क है. पराजित उम्मीदवार प्रशांत जगताप ने कहा कि ईवीएम में सत्ताधारी दलों के लिए पहले ही सेफ कर दिए गए थे.
इसी तरह चुनाव जीते जीतेंद्र आव्हाड ने कहा कि उन्होंने एक लाख से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीता है. फिर भी वे ईवीएम को लेकर सहमत नहीं है. ईवीएम की सेटिंग छोटे राज्यों में नहीं की जाती, जबकि बड़े राज्यों में ईवीएम की सेटिंग की जाती है. इसके बाद यह तर्क दिया जाता है कि देखों वहां ईवीएम की वजह से विपक्ष जीता है. जबकि यह सब बहुत बड़ा ईवीएम घोटाला है.
शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी आज मुंबई में शिवसेना पदाधिकारियों और पराजित उम्मीदवारों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में उद्धव ठाकरे के समक्ष पराजित उम्मीदवारों ने ईवीएम में सेटिंग किए जाने का आरोप लगाया. पराजित उम्मीदवार सुधाकर भीका बडगुजर ने बताया कि उन्होंने नासिक जिला चुनाव रिटर्निंग अधिकारी के पास ईवीएम को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि सभी को अपने क्षेत्रों में ईवीएम और वीवीपैट के सत्यापन की मांग करनी चाहिए. इसी तरह सोमवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी पराजित उम्मीदवारों की बैठक अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुलाई थी.
इस बैठक में भी ईवीएम विरोध देखने को मिला था. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी की वजह से उनके आला नेता चुनाव हार गए. जीतेंद्र आव्हाड के व्यक्तव्य को नाना पटोले ने दोहराते हुए कहा कि ईवीएम में वोट डालने पर पता ही नहीं चलता कि वोट किसे गया. इस मामले में कोर्ट में जनभावना का आदर नहीं कर रही है. इसलिए ईवीएम विरोधी लड़ाई कोर्ट के साथ-साथ सडक़ों पर भी लड़ी जाएगी.
हिंदुस्थान समाचार
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