भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने दो दिनों के भीतर अंडमान सागर में म्यांमार की मछली पकड़ने वाली म्यांमार की नाव से 6,016 किलोग्राम से अधिक मेथमफेटामाइन जब्त करके अब तक के सबसे बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई हजार करोड़ रुपये मूल्य के ड्रग्स की यह जब्ती आईसीजी के इतिहास में सबसे बड़ी ड्रग बरामदगी है.
साथ ही अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी से निपटने में भारत की बढ़ती भूमिका के साथ-साथ समुद्री सीमाओं की सुरक्षा जटिलताओं को भी उजागर करती है. कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि यह ऑपरेशन 23 नवंबर को तब शुरू हुआ, जब आईसीजी के डोर्नियर विमान ने एक नियमित निगरानी उड़ान के दौरान भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में एक अज्ञात मछली पकड़ने वाली नाव का पता लगाया. संभावित खतरे को पहचानते हुए आईसीजी ने तेजी से एक समन्वित प्रतिक्रिया शुरू की. प्रतिकूल मौसम की स्थिति में श्री विजयापुरम से तेज गश्ती पोत अरुणा आसफ अली को भेजा गया. संदिग्ध नाव पर घंटों नजर रखने के बाद आईसीजी ने सुबह होने के इंतजार में रात भर निगरानी बनाए रखी. इसके बाद 24 नवंबर को सुबह 6:30 बजे चालक दल ने म्यांमार में पंजीकृत ‘सो वेई यान हू’ नाव को रोक लिया.
उन्होंने बताया कि नाव पर सवार चालक दल के छह सदस्यों ने घेराबंदी देख तुरंत लाल झंडे उठा दिए. इसके बाद जहाज को गहन जांच के लिए श्री विजयपुरम बंदरगाह ले जाया गया, जहां अधिकारियों ने क्रिस्टलीय मेथामफेटामाइन से भरे 222 बैग बरामद किए, जिनका कुल वजन 6,016.87 किलोग्राम था. ड्रग्स के साथ आईसीजी ने एक सैटेलाइट फोन और 633,850 क्यात मूल्य की म्यांमार मुद्रा जब्त की. दो दिनों तक चलाए गए इस ऑपरेशन में विदेशी जहाज को रोकने के लिए हवाई और समुद्री संपत्तियों ने बेहतरीन समन्वय के साथ काम किया.
कमांडर उनियाल ने बताया कि यह सफल ऑपरेशन आईसीजी के चल रहे ड्रग तस्करी विरोधी प्रयासों का हिस्सा है, जो तस्करी करने वाले सिंडिकेट का सामना करने के भारत के संकल्प को भी उजागर करता है. आईसीजी के मुताबिक गोल्डन क्रिसेंट के रूप में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान और गोल्डन ट्रायंगल के रूप में म्यांमार, लाओस और थाईलैंड के बीच भारत वैश्विक ड्रग व्यापार में एक प्रमुख युद्धक्षेत्र बना गया है. उन्होंने बताया कि दुनिया के दो सबसे बड़े अवैध अफीम उत्पादक क्षेत्र भारत के समुद्री मार्ग का इस्तेमाल ड्रग तस्करी के लिए कर रहे हैं, जो प्रवर्तन एजेंसियों के लिए भी चुनौतियां बन गए हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि यह रिकॉर्डतोड़ जब्ती न केवल नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ बड़ी कामयाबी है, बल्कि आईसीजी ने एक बार फिर देश के समुद्री हितों की रक्षा करने और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अपनी क्षमता साबित की है. आईसीजी ने अपनी स्थापना के बाद से अब तक कुल 12,875 किलोग्राम ड्रग जब्त की है. यह ऑपरेशन हाल के वर्षों में अंडमान सागर में नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ तीसरी बड़ी सफलता है. इससे पहले सितंबर, 2019 में आईसीजी ने 300 करोड़ रुपये मूल्य की 1,160 किलोग्राम केटामाइन ले जा रहे म्यांमार के एक जहाज को पकड़ा था. इसके ठीक तीन महीने बाद 185 करोड़ रुपये मूल्य की 371 किलोग्राम मेथाक्वालोन के साथ एक और नाव को पकड़ा गया था.ये
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हिंदुस्थान समाचार
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