राजस्थान के अजेमर की मशहूर दरगाह शरीफ का अब सर्वे हो सकता है. अजमेर की निचली अदालत ने हिन्दू पक्ष की याचिका स्वीकार कर ली है. यह याचिका हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई थी. जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है. याचिका में दावा किया गया है कि दरगाह की जमीन पर पहले भगवान शिव का मंदिर हुआ करता था और मंदिर में पूजा और शिव जी पर जलाभिषेक होता था. 5 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी. न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए और अगली तारीख पर पेश रहने को बुलाया है.
बताया जा रहा है कि हिंदू पक्ष ने याचिका के साथ ही कई सबूत पेश किए और मंदिर की जगह पर पूजा करने की अनुमति मांगी है साथ ही पुरात्तव विभाग द्वारा सर्वे कराने की जाने की मांग भी गई है. बताया यह भी जा रहा है कि गत सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने सबूत के तौर पर एक किताब पेश की थी. किताब में भी दरगाह की जमीन पर हिंदू मंदिर होने का दावा किया गया.
इससे पहले, हिंदू सेना की तरफ से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका पेश की गई थी लेकिन न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि यह मामला उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है. इसके बाद जिला अदालत में याचिका पेश की गई. जिसे कोर्ट ने अब स्वीकार कर लिया है.
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