दिल्ली-एनसीआर में ठंड बढ़ते के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है.सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, आज दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 304 दर्ज किया गया है, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है. वहीं कुछ इलाकों में AQI 350 से ऊपर है. आनंद विहार में 357, बवाना में 341, जहांगीरपुरी में 354, मुंडका में 364 और शादीपुर में 351 दर्ज किया गया है.
#WATCH | Air quality in the 'Poor' category at Delhi's ITO as per Central Pollution Control Board pic.twitter.com/uG3wKmvbGm
— ANI (@ANI) November 28, 2024
#WATCH | Delhi: Smog envelopes the Akshardham Temple as the air quality deteriorates to the 'Very Poor' category in the nearby Patparganj area pic.twitter.com/wod50kxWMr
— ANI (@ANI) November 28, 2024
स्वच्छ हवा के लिए स्टूडेंट्स ने किया प्रदर्शन
दिल्ली में दमघोंटू हवा को लेकर अब लोगों का गुस्सा सरकार पर फूटने लगा है. दिल्ली के कई स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों के एक ग्रुप ने बुधवार को संसद के पास विरोध प्रदर्शन किया. इन लोगों ने सरकार से दिल्ली की जहरीली होती आबोहवा की समस्या का समाधान करने का आग्रह किया. प्रदर्शनकारियों के हाथ में सांसों के लिए संसद चलो के बैनर थे.
दिल्ली में हाईब्रिड मोड पर स्कूल
दिल्ली में अभी भी ग्रेप-4 के नियम लागू है. इसके तहत प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा कई कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. दिल्ली में कारखानों, निर्माण कार्यों, और यातायात पर कड़ी पाबंदियां लगाई गई है. राजधानी में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं है. वहीं दिल्ली में अब स्कूलों को हाईब्रिड मोड पर चलाया जा रहा है. वहीं सरकार ने कहा है कि जो अभिभावक बच्चों को ऑफलाइन स्कूल भेजना चाहते हैं. वो भेज सकते हैं.
लोगों को हो रही यह परेशानी
दिल्ली में रहने वाले लोगों को प्रदूषण से कई दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है. लोगों की आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत हो रही है. सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों को हो रही है.
#WATCH | Kanishka, a girl who hails from Rajasthan says, " My eyes are paining because of the pollution, even my throat is itching and it is difficult to breathe" pic.twitter.com/uVzcqvBecR
— ANI (@ANI) November 28, 2024
एम्स के एक्सपर्ट्स की लोगों को सलाह
दिल्ली एम्स के एक्सपर्ट्स ने लोगों को प्रदूषण के बीच विटामिन डी का लेवल बनाए रखने की सलाह दी है. दरअसल, विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत सूर्य की रोशनी होती है और अभी ठंड और स्मोग की वजह से धूप पर्याप्त मात्रा में धरती पर नहीं पहुंच रही. इसलिए एक्सपर्ट्स ने लोगों को यह सलाह दी है. एम्स प्रोफेसर डॉ रवींद्र गोस्वामी ने कहा कि सभी आयु वर्ग के लोग सलाह के अनुसार सर्दियों के दौरान विटामिन डी लेने पर विचार कर सकते हैं और यदि कोलेकैल्सीफेरॉल की 60,000 आईयू जैसी मात्रा हो तो शरीर में विटामिन डी का स्तर जाने बिना इसे लिया जा सकता है.
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