निवाड़ी/भोपाल: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा निकाली जा रही सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा आठवें दिन गुरुवार सुबह निवाड़ी जिला मुख्यालय से बरुआ सागर के लिए रवाना हुई. पदयात्रा में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि एक यात्रा से सब कुछ बदलना मुश्किल है. समाज में जागरुकता के लिए यह एक शुरुआत है. ऐसी और यात्राओं की जरूरत है, ताकि समाज में स्थायी बदलाव लाया जा सके.
राजा भैया ने कहा कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ओर से यह बहुत ही सकारात्मक और सराहनीय पहल है. कुछ नेता जानबूझकर जातिवाद फैला रहे हैं, जिससे हमारा राष्ट्र कमजोर हो. जातिवाद न तो देश हित में है और न ही हिंदू हित में है. उसका निर्मूलन होना ही चाहिए। ये यात्रा धर्म हित और राष्ट्रहित में है. उन्होंने कहा कि यह यात्रा हिंदू समाज को एकजुट करने का एक बड़ा प्रयास है. जब हिंदू समाज संगठित होगा, तो न केवल धर्म, बल्कि राष्ट्र भी मजबूत होगा. इस तरह की यात्राओं का सिलसिला जारी रहना चाहिए, ताकि हिंदू समाज और राष्ट्र दोनों को नई दिशा मिल सके.
निवाड़ी के रेस्ट एरिया में रात्रि विश्राम के बाद यात्रा गुरुवार सुबह बरुआ सागर के लिए रवाना हुई। इस यात्रा में मप्र सरकार के मंत्री राव उदय प्रताप सिंह एवं पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी शामिल हुए और पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ चल रहे हैं. यात्रा रवाना होने से पहले निवाड़ी रेस्ट एरिया में ध्वज फहराने के साथ राष्ट्रगान हुआ. इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. इस दौरान यूपी के पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, मप्र के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, निवाड़ी विधायक अनिल जैन भी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि हिंदुओं के बीच मौजूद जाति भेदभाव, छुआछूत मिटाने और समाज में जागरुकता लाने के लिए उद्देश्य से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यह नौ दिवसीय पदयात्रा निकाली जा रही है. गत 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू हुई 160 किमी की यह यात्रा 29 नवंबर को प्रसिद्ध पर्यटन नगरी ओरछा के रामराजा सरकार के मंदिर में समाप्त हो गई। गुरुवार को यात्रा का आठवां दिन है.
यात्रा में एक रथ पर श्रीराम की धनुष-बाण लिए हुए, अयोध्या समेत अन्य झांकियां भी शामिल हैं. यह यात्रा आज 15 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर रात में ओरछा के करीब ग्राम तिगेला पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा. शुक्रवार सुबह यह यात्रा ओरछा के लिए रवाना होगी और करीब आठ किलोमीटर की यात्रा पूरा कर रामराजा दरबार में यात्रा का विधि-विधान से समापन होगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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