Tuesday, July 8, 2025
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
Ritam Digital Hindi
Advertisement Banner
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
Home World

पाकिस्तान में भड़क रही सांप्रदायिक टकराव की आग, शिया-सुन्नी हिंसा में 12 की मौत, 18 घायल

सप्ताह भर में ऐसे संघर्षों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 90 हो गई. जनजातीय बाहुल्य कुर्रम खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहाट डिवीजन का एक जिला है.

Editor Ritam Hindi by Editor Ritam Hindi
Nov 29, 2024, 01:35 pm IST
Pakistan Shia-Sunni violence

Pakistan Shia-Sunni violence

FacebookTwitterWhatsAppTelegram

कुर्रम (खैबर पख्तूनख्वा): पाकिस्तान के कुर्रम जिले में शिया-सुन्नी का खूनी टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा. ताजा टकराव में 12 लोगों की मौत हो गई और कम-से-कम 18 लोग घायल हो गए. जिसके बाद सप्ताह भर में ऐसे संघर्षों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 90 हो गई. जनजातीय बाहुल्य कुर्रम खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहाट डिवीजन का एक जिला है.

संघर्ष विराम समझौता विफलडॉन समाचार पत्र के अनुसार, कुर्रम जिले में झड़पों में मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 90 हो गई. एक सप्ताह से अधिक समय से जारी खूनी टकराव को रोकने में संघर्ष विराम समझौता विफल रहा. अधिकारियों ने बताया कि ताजा झड़प में 12 और लोगों की जान चली गई और 18 अन्य घायल हो गए. जिले के ऊपरी और निचले हिस्सों में रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है. लोअर कुर्रम के पारचिनार इलाके में पिछले सप्ताह शिया समुदाय के यात्री वाहनों के एक काफिले पर हमले के बाद सशस्त्र झड़पें शुरू हुई हैं. इस हमले में 40 से अधिक लोग मारे गए थे. गुरुवार को लोअर कुर्रम के जलमय, चद्रेवाल गांवों और तालो कुंज लोगों के के बीच गोलीबारी हुई.

खाइयों पर कब्जाइसके अलावा ऊपरी कुर्रम के घोजघरी में हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई. घोजगाहरी, मातासांगर, मकबल और कुंज अलीजई इलाकों में छिटपुट गोलीबारी जारी रही. ऊपरी कुर्रम में फ्रंटियर कांस्टेबुलरी (116 विंग) के बस्सू कैंप पर भी मोर्टार का एक गोला गिरने से दो जवान घायल हो गए. कल दिन में कुर्रम के उपायुक्त जावेदुल्लाह महसूद, स्थानीय बुजुर्गों और पुलिस ने बालेश खेल और संगीना में युद्धविराम लागू करने के प्रयास में अपने वाहनों पर सफेद झंडे फहराए. हालांकि, लगातार गोलीबारी के कारण युद्धरत पक्षों के कब्जे वाली खाइयों में पुलिसकर्मियों को तैनात करने का प्रशासन का मंसूबा विफल हो गया.

आती रही गोलियों की आवाजनिचले कुर्रम में सहायक आयुक्त हफीजुर रहमान, पुलिस अधीक्षक जहानजेब, पूर्व एमएनए फखर जमान बंगश, जेयूआई-एफ एमपीए रियाज शाहीन, विंग कमांडर और स्थानीय बुजुर्गों ने खार कलाय और मार्गनाय चीना क्षेत्रों में युद्धविराम लागू करने का प्रयास किया. यह प्रयास भी गोलीबारी को रोकने में विफल रहे. बागान, अलीजई, खार कलाय और बालीचखेल क्षेत्रों में गोलियों की आवाज आती रही.

जिरगा के बाद सौंपे शवकोहाट डिवीजन कमिश्नर, कोहाट, हंगू और ओरकजई जिलों के सदस्यों के नेतृत्व में आयोजित जिरगा में गुरुवार को बातचीत हुई. इस दौरान 30 नवंबर को समाप्त होने वाले सप्ताह भर के युद्ध विराम को अगले 10 दिनों के लिए बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की गई. युद्धविराम समझौते में इस बात पर सहमति बनी कि दोनों पक्ष खाइयों को खाली कर देंगे. दुश्मनी खत्म करने के लिए शवों और बंधकों का आदान-प्रदान भी करेंगे. आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बाद युद्धरत पक्षों ने बंधकों की अदला-बदली की और शवों को सौंप दिया.

दवाओं की भारी कमी पूर्व एमएनए बंगश सहित स्थानीय बुजुर्गों ने विंग कमांडर और लोअर कुर्रम एसी की उपस्थिति में चार बंधक महिलाओं और एक पुरुष को कुर्रम मिलिशिया (113 विंग) को सौंप दिया. बंधक गोड्डर इलाके के थे. उनका अपहरण कर उन्हें सैटेन (लोअर कुर्रम) ले जाया गया था. युद्धरत पक्षों में से एक ने अजीजुल्लाह पुत्र एस्सा खान के शव को जिला प्रशासन को सौंप दिया. बाद में इसे परिजनों को दे दिया गया. कुर्रम जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कैसर अब्बास ने कहा है कि सड़क बंद होने के कारण निचले और ऊपरी कुर्रम में दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच नेशनल असेंबली के सदस्य हमीद हुसैन ने चेतावनी दी है कि अगर सशस्त्र झड़पों को रोकने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो संघर्ष पूरे देश में फैल जाएगा.

300 परिवारों ने किया पलायनअब तक कुर्रम से कई परिवार पलायन कर चुके हैं. करीब 300 परिवारों ने हिंसा और झड़पों के डर की वजह से अपना घर छोड़ दिया है . कुर्रम में शिया और सुन्नी के विवादों के निपटारे के लिए खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री उच्चस्तरीय बैठक कर चुके हैं. दोनों समुदायों के बीच पहले हुए जमीन के बंटवारे और झगड़े को कैसे सुलझाया जाए इस पर भी चर्चा की जा चुकी है. 2023 की जनगणना के मुताबिक, कुर्रम की 7.85 लाख आबादी में से 99 प्रतिशत से अधिक पश्तून हैं. यह तुरी, बंगाश, ज़ैमुश्त, मंगल, मुकबाल, मसूजई और पराचमकनी जनजातियों से जुड़े हुए हैं. इनमें से तुरी और बंगाश के कुछ मुसलमान शिया हैं, बाकी सभी सुन्नी हैं. पाकिस्तान के चुनाव आयोग के सामने 2018 में दी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुर्रम में शिया मुसलमान जिले की आबादी का लगभग 45 प्रतिशत हैं. यह पाकिस्तान की कुल आबादी में 10-15 प्रतिशत से ज्यादा हैं.

जमीन विवाद अहम वजह इस इलाके की सीमा अफगानिस्तान से मिलती है. यहां इस लड़ाई में कबीलों के अलावा अलग-अलग लड़ाके भी शामिल हैं. शिया-सुन्नी के बीच इस हिंसा के पीछे कबीलाई लड़ाई के अलावा जमीन का विवाद भी बताया जाता है. पारचिनार हमले के पीछे 12 अक्टूबर, 2024 को हुआ एक पुराना हमला कारण बताया गया है. इस हमले में 15 सुन्नी लोगों की मौत हुई थी. हमले से गुस्साए शिया कबीलों ने इसके बाद सुन्नी कबीलों को निशाना बनाया. 22 नवम्बर को बगान बाजार और कुर्रम के निचले इलाकों को निशाना बनाया गया. यहां एक बाजार में लगभग 200 दुकानें जला दी गईं. बड़ी संख्या में सुन्नी समुदाय के स्त्री-पुरुषों को अगवा किया गया.

यहां चलता है सिर के बदले सिर का दस्तूर कुर्रम में शिया-सुन्नी की लड़ाई कोई नई बात नहीं है. एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 2007-2011 के बीच यहां शिया-सुन्नी की लड़ाई में 1600 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. घायलों की संख्या 5000 से भी अधिक बताई जाती है. यहां रहने वाले शिया और सुन्नी कबीलाई लोग हैं. इन इलाकों में सिर के बदले सिर का नियम चलता है. बंदूक रखने को यहां सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 1890 में अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान यहां यह कबीले बसाए गए थे. इस इलाके में उसी हिसाब से जमीन भी आवंटित की गई थी. इस जमीन पर कब्जा किसका होगा, इसी के विवाद में लगातार हिंसा होती रहती है. पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि मुश्किल यह है कि जिन जमीनों को लेकर लड़ाई है, उनके कोई भी आधिकारिक दस्तावेज मौजूद नहीं हैं.

आतंकवादी भी हैं मौजूदअफगानिस्तान में 1979 से चालू हुए जिहाद के बाद इस इलाके में भी सुन्नी आतंकियों की आमद हुई है. शिया कबीलों का आरोप है कि यहां के रहने वाले सुन्नी बाहरी आतंकियों को बुला कर उन्हें निशाना बनाते हैं. 1971 में यहां एक मीनार के निर्माण पर शिया और सुन्नी में लड़ाई हुई थी. 1977 में एक मस्जिद के इमाम की हत्या के बाद भी हिंसा हुई. 2007 में यहां दंगों में लगभग 2000 लोग मारे गए थे. इस इलाके के कुछ गांवों पर अलकायदा और तालिबान ने भी कब्जा करने का प्रयास किया.

हिन्दुस्थान समाचार

यह भी पढ़ें – Bangladesh: मुस्लिम कट्टपंथियों का हिन्दू दमन जारी, छत्रग्राम इस्कॉन मंदिर पर हमला

Tags: ViolenceShia-Sunni ViolencePakistan news
ShareTweetSendShare

संबंधितसमाचार

कजाकिस्तान सरकार ने बुर्के पर लगाया बेैन
World

कजाकिस्तान ने बुर्के हिजाब पर लगाया बैन, इन देशों में भी है चेहरा ढकने पर रोक, 10 पॉइंट्स में समझें

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले: मंदिरों से घरों तक एक दशक की दर्दनाक कहानी
Nation

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले: मंदिरों से घरों तक एक दशक की दर्दनाक कहानी

आतंक के समर्थक तुर्की पर भारत का कड़ा प्रहार
Nation

आतंक के समर्थक तुर्की पर भारत का कड़ा प्रहार, पर्यटन से व्यापार तक सर्वव्यापी बहिष्कार

भारत के हमले से हिला पाकिस्तान: कराची बंदरगाह और पेशावर में बड़ी तबाही
Nation

भारत के हमले से हिला पाकिस्तान: कराची बंदरगाह और पेशावर में बड़ी तबाही

भारत ने जवाबी कार्रवाई में लाहौर, सियालकोट, कराची और इस्लामाबाद में गोले बरसाए
Nation

भारत ने जवाबी कार्रवाई में लाहौर, सियालकोट, कराची और इस्लामाबाद में गोले बरसाए

कमेंट

The comments posted here/below/in the given space are not on behalf of Ritam Digital Media Foundation. The person posting the comment will be in sole ownership of its responsibility. According to the central government's IT rules, obscene or offensive statement made against a person, religion, community or nation is a punishable offense, and legal action would be taken against people who indulge in such activities.

ताज़ा समाचार

Martyrdom Day of Captain Vikram Batra

7 जुलाई 1999: कैप्टन विक्रम बत्रा की वीरगाथा- कारगिल युद्ध में बलिदान

Dalai Lama Birthday

दलाई लामा जन्मदिन: तिब्बत की पहचान और अस्तित्व के लिए चीन के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक

Shyama Prasad Mukherjee Birthday

देश की अखंडता का सपना, अनुच्छेद-370 का विरोध… जानिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन से जुड़ी बड़ी उपलब्धियां

राष्ट्र ध्वज के निर्माता पिंगली वेंकैया की पुण्यतिथि

Pingali Venkaiah Death Anniversary: 30 देशों के झंडे की स्टडी के बाद तैयार हुआ तिरंगा, जानिए पिंगली वेंकैया का योगदान

Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर विशेष… हिंदू संस्कृति को पूरे विश्व में दिलाया था सम्मान

कजाकिस्तान सरकार ने बुर्के पर लगाया बेैन

कजाकिस्तान ने बुर्के हिजाब पर लगाया बैन, इन देशों में भी है चेहरा ढकने पर रोक, 10 पॉइंट्स में समझें

Old Delhi Railway Stations Name Change Proposal

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन स्टेशन करने की मांग, जानें इससे जुड़े 10 महत्वपूर्ण तथ्य

Courts Ban Namaz

सार्वजनिक जगहों पर नमाज पर कोर्ट की रोक: 7 अहम फैसले (2018–2025)

ग्रेटर नोएडा

15 प्वाइंट्स में समझे ग्रेटर गाजियाबाद की संकल्पना और जिले का महत्व

Doctors Day

National Doctor’s Day: डॉ. बिधान चंद्र रॉय: एक महान चिकित्सक, दूरदर्शी नेता और राष्ट्र निर्माता

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.

No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Opinion
  • Business
  • Entertainment
  • Lifestyle
  • Sports
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.