नई दिल्ली: गौतम अडाणी प्रकरण में भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान सामने सामने आया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसे अमेरिका के जस्टिस विभाग की ओर से समन या गिरफ्तारी वारंट तामील करने का अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है. विदेशी सरकार की ओर से जारी किसी समन या वारंट की तामील परस्पर कानूनी सहायता प्रक्रिया के तहत की जाती है. ऐसे किसी अनुरोध पर गुण-दोष के आधार पर फैसला किया जाता है.
"No request from US on this case", MEA on reports of summons to executives of Adani group in alleged bribery case
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— ANI Digital (@ani_digital) November 29, 2024
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गौतम अडाणी के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि यह एक निजी व्यक्ति और कंपनी तथा अमेरिका के न्याय विभाग के बीच का कानूनी मामला है. ऐसे मामलों में निश्चित कानूनी प्रक्रिया और उपाय हैं और हमें विश्वास है कि इसका पालन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि गौतम अडाणी प्रकरण में भारत सरकार को पहले से कोई सूचना नहीं दी गई साथ ही दोनों देशों के बीच इस संबंध में कोई बातचीत भी नहीं हुई. प्रवक्ता ने दोहराया कि यह मामला निजी पक्षों से जुड़ा है तथा फिलहाल भारत सरकार इसके साथ कानूनी रूप से नहीं जुड़ी है.
उल्लेखनीय है कि अमेरिका की एक अदालत में गौतम अडाणी की कंपनी के खिलाफ मुकदमे में आरोप पत्र दाखिल हुआ है. कंपनी पर आरोप है कि उसने भारत में ठेके हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने की साजिश रची. इसे लेकर अमेरिका की अदालत ने गौतम अडाणी और उनके रिश्तेदार के खिलाफ वारंट जारी किया है.
हिन्दुस्थान समाचार
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