लखनऊ: संभल हिंसा की आग अभी पूरी तरह ठंडी हुई भी नहीं है कि राजनीतिक दल इसे राजनीतिक रूप देने की कोशिशों में हैं. संभल में जाने की घोषणा के बाद उप्र पुलिस कांग्रेस नेताओं को रोकने की जुगत में जुट गयी. सोमवार को अराधना मिश्रा ‘मोना’ के घर के आगे पुलिस बल लगा दिया गया और उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सुबह से ही कांग्रेस मुख्यालय पर पहुंच गये. पूर्वाह्न में कार्यालय स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर वे संभल के लिए जैसे ही गेट पर लाव-लश्कर के साथ निकले, पुलिस ने उन्हें रोक लिया.
अजय राय ने कहा कि हम गांधीवादी तरीके से संभल जाना चाहते हैं लेकिन प्रदेश सरकार दमनकारी नीति अपनाना चाहती है. हम वहां मृतकों के परिवारों से मिलकर सांत्वना देने के लिए जा रहे हैं. पुलिस नहीं जाने देना चाहती है. इससे स्पष्ट होता है कि वहां कुछ तो है, जिसे पुलिस छिपाना चाहती है. कांग्रेस पुलिस के दमनकारी नीति के आगे नहीं झुकेगी.
अजय राय का कहना है कि जब वहां सबकुछ शांति व्यवस्था कायम है तो आखिर किसी के जाने से क्यों रोका जा रहा है. टीवी में भी दिख रहा है कि हर गतिविधि सामान्य है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हर काम को दमनकारी नीति से निपटना चाहती है. जब कांग्रेस अंग्रेजों के दमन के आगे नहीं झुकी तो भाजपा से लड़ने में सक्षम है. वहीं पुलिस का कहना है कि किसी नेता को वहां अकेले जाने से कोई नहीं रोक रहा है. लाव-लश्कर के साथ जाने पर वहां दंगा भड़कने का खतरा हो सकता है.
हिन्दुस्थान समाचार
कमेंट