नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी किया है. जस्टिस बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सभी सरकारी और लोक उपक्रमों में आंतरिक शिकायत कमेटी के गठन का आदेश दिया है.
कोर्ट ने आंतरिक शिकायत कमेटी के गठन के अलावा शीबॉक्स पोर्टल स्थापित करने का निर्देश दिया है, जहां महिलाएं शिकायत दर्ज करा सकती हैं. कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट कानून के प्रभावी क्रियान्वयन में चूक पर चिंता जाहिर करते हुए इस कानून के राष्ट्रीय स्तर पर अनुपालन के महत्व पर जोर दिया. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को सकारात्मक कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि इस कानून को लागू करने के पीछे का उद्देश्य वास्तविक रूप से प्राप्त हो सके.
सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर तक हर जिले में एक अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया जो 31 जनवरी 2025 तक स्थानीय शिकायत निवारण कमेटी का गठन करेगा और तालुका स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा. कोर्ट ने कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए 31 मार्च 2025 तक का समय दिया.
हिन्दुस्थान समाचार
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