सियोल: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने महज छह घंटे बाद आज तड़के आपातकालीन मार्शल लॉ को हटाने की घोषणा की. नेशनल असेंबली में आपातकालीन मार्शल लॉ के खिलाफ हुए मतदान के बाद उन्होंने यह फैसला लिया. येओल के इस फैसले के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए थे. दक्षिण कोरिया की मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि वह राष्ट्रपति यूं सुक येओल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएगी. इसे गुरुवार को होने वाले पूर्ण सत्र में पेश किया जाएगा.
मैं नेशनल असेंबली के अनुरोध को स्वीकार करता हूं. द कोरिया हेराल्ड समाचार पत्र ने देश के इस राजनीतिक घटनाक्रम पर विस्तार से खबर दी है. द कोरिया हेराल्ड के अनुसार राष्ट्रपति येओल ने छह घंटे की अराजकता के बाद आपातकालीन मार्शल लॉ समाप्त करने की घोषणा की. राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने मार्शल लॉ हटाने के लिए संसद (नेशनल असेंबली) के अनुरोध को आज सुबह स्वीकार कर लिया. उन्होंने स्वीकार किया कि मार्शल लॉ की उनकी आश्चर्यजनक घोषणा अल्पकालिक थी. राष्ट्रपति ने सुबह लगभग 4:20 बजे टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, “मैं नेशनल असेंबली के अनुरोध को तुरंत स्वीकार करूंगा और कैबिनेट के माध्यम से मार्शल लॉ हटाऊंगा.”
उन्होंने कहा, “मैंने तुरंत कैबिनेट बुलाई. कोरम अभी तक पूरा नहीं हुआ है क्योंकि सुबह बहुत हो चुकी है. कोरम पूरा होते ही मैं मार्शल लॉ हटा दूंगा.” रूढ़िवादी नेता यूं सुक येओल ने रात 10: 20 बजे “देश को बचाने की दृढ़ इच्छा के साथ” मार्शल लॉ घोषित किया था. रात लगभग एक बजे 300 सदस्यीय नेशनल असेंबली में उपस्थित सभी 190 सांसदों ने राष्ट्रपति की मार्शल लॉ की घोषणा के खिलाफ मतदान किया. कोरिया की मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी सहित उदारवादी पार्टियों की नेशनल असेंबली में मजबूत स्थिति है. सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी ने विपक्ष का समर्थन किया. सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के नेता हान डोंग-हून ने रात कहा कि जैसे ही राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ घोषित किया, चीजें “गलत हो गईं”.
संसद का पूर्ण सत्र कल, पेश होगा महाभियोग प्रस्ताव
संसद में मतदान के बाद मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि वह राष्ट्रपति येओल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव गुरुवार को होने वाले पूर्ण सत्र के दौरान पेश करेगी. विपक्षी दलों के 40 से अधिक सांसदों के समूह ने घोषणा की कि राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाना चाहिए. इस समूह ने राष्ट्रपति को “राज्य कुप्रबंधन के देशद्रोही कृत्य का मास्टरमाइंड” कहा है. रीबिल्डिंग कोरिया पार्टी के फ्लोर लीडर ह्वांग उन-हा ने कहा, “राष्ट्रपति ने सेना को लामबंद करके देशद्रोह के समान कार्य किया है. यह स्पष्ट है कि वह एक पल भी अधिक समय तक पद पर नहीं रह सकते. इसलिए, हमें तत्काल महाभियोग प्रस्ताव लाना चाहिए. ” ह्वांग ने सभी दलों से सहयोग मांगा है. उन्होंने कहा कि इस पर 24 से 72 घंटों के भीतर मतदान होना चाहिए.
‘अब येओल गणराज्य के राष्ट्रपति नहीं’इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्युंग ने मार्शल लॉ घोषणा को असंवैधानिक और अवैध बताते हुए इसकी आलोचना की थी. मार्शल लॉ को हटाने की मांग करने वाले नेशनल असेंबली के प्रस्ताव पर मतदान के तुरंत बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, “राष्ट्रपति की मार्शल लॉ की घोषणा संविधान और मार्शल लॉ अधिनियम द्वारा निर्धारित मूल आवश्यकताओं को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रही। राष्ट्रपति ने लोगों को धोखा दिया. मार्शल लॉ की उनकी अवैध घोषणा अमान्य है. इस क्षण से, येओल अब कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति नहीं हैं.”
‘मैं देशविरोधी ताकतों का सफाया कर दूंगा’
इस घटनाक्रम से पहले राष्ट्रपति येओल ने रात को टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की. राष्ट्रपति ने रात 11 बजे देश भर में मार्शल लॉ लागू होने से एक घंटे से भी कम समय पहले अपने कार्यालय में एक टेलीविजन ब्रीफिंग में कहा, “मैं जल्द से जल्द राज्य विरोधी ताकतों का सफाया कर दूंगा और देश को सामान्य स्थिति में ला दूंगा.” उन्होंने कहा कि “मार्शल लॉ के माध्यम से मैं कोरिया गणराज्य की स्वतंत्रता की रक्षा और पुनर्निर्माण करूंगा.”
‘डेमोक्रेटिक पार्टी अपराधियों का अड्डा’
उन्होंने दावा किया किराजनीतिक प्रतिद्वंद्वी “न्यायाधीशों को धमकी देकर और अभियोजकों पर महाभियोग चलाकर और आंतरिक मंत्री, शीर्ष प्रसारण नियामक, ऑडिट और निरीक्षण बोर्ड के प्रमुख और रक्षा मंत्री को हटाने का प्रयास करके देश में अदालतों को पंगु बना रहे थे.” राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि नेशनल असेंबली की 300 में से 170 सीटों पर मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का कब्जा है. यह पार्टी “अपराधियों का अड्डा” है. यह पार्टी एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में स्वतंत्रता और लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं.”
इससे पहले 1980 में लगा था मार्शल लॉउल्लेखनीय है कि दक्षिण कोरिया ने आखिरी बार मई 1980 में मार्शल लॉ घोषित किया था. इस वक्त देश चुन डू-ह्वान के नेतृत्व में एक सैन्य तख्तापलट के नियंत्रण में था. चुन डू-ह्वान सितंबर 1980 में राष्ट्रपति बने. 1981 में मार्शल लॉ हटा लिया गया.
हिन्दुस्थान समाचार
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