नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा को भारत-चीन संबंधों में हाल के घटनाक्रम और पृष्ठभूमि से अवगत कराया. कल उन्होंने इसी संबंध में लोकसभा में भी अपना वक्तव्य पढ़ा था. विदेश मंत्री ने बताया कि 2020 में चीन की तरफ से एक तरफ की गई कार्रवाई के कारण पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में शांति और अमन-चैन प्रभावित हुआ था. हमारे लगातार राजनयिक प्रयासों के चलते दोनों देशों के संबंधों में कुछ सुधार हुआ है.
#WATCH | In the Rajya Sabha, EAM Dr S Jaishankar says "The House is well aware of the circumstances leading to the violent clashes in Galwan Valley in June 2020. In the months thereafter, we were addressing a situation that had not only seen fatalities for the first time in 45… pic.twitter.com/cB4bxbjaWD
— ANI (@ANI) December 4, 2024
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग की मुलाकात और उससे जुड़े घटनाक्रम की भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत और चीन के बीच में कुछ स्थानों पर समझ का अभाव है. भारत के लिए सीमा पर शांति और अमन-चैन रिश्तों के सामान्य होने की पहली शर्त है. चीन के साथ बातचीत में राष्ट्रीय हितों को व्यापक तौर पर साधा जा रहा है.
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का स्पष्ट मानना है कि दोनों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का सख्ती से सम्मान और पालन करना चाहिए और किसी भी पक्ष को यथास्थिति में एक तरफ बदलाव नहीं करना चाहिए.
हिन्दुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें- बॉयलर संशोधन विधेयक राज्यसभा से पारित, केंद्रीय बॉयलर बोर्ड का गठन कर सकेगी सरकार
ये भी पढ़ें- देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से किया सरकार बनाने का दावा, शपथ ग्रहण गुरुवार को
कमेंट