कुख्यात आतंकवादी संगठन आईएसआईएस यानि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के इंडिया प्रमुख साकिक नाचन ने अपने संगठन पर लगे आतंकी संगठन का टैग हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस दौरान उसने ISIS सहित अन्य समूहों को आतंकवादी संगठन घोषित करने वाली सरकारी अधिसूचना को रद्द करने की माँग की है. साकिब नाचन पहले भी आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है और इस समय ISIS से अपने संबंधों और भारत विरोधी गतिविधियों के केस में तिहाड़ जेल में बंद है.
क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
बता दें केंद्र सरकार बता दें सरकार ने कार्रवाई करते हुए इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया और एक अन्य संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया था. केंद्र की इसी अधिसूचना को साकिक नाचन ने सर्वोच्च न्यायलय में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट के जज सूर्यकांत और उज्जल भुयान की पीठ ने नाचन की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान नाचन वर्चुअली रूप से मौजूद रहा. शीर्ष अदालत ने उसे सलाह दी कि वह अदलात द्वारा नियुक्त वकील एमिकस क्यूरी की मदद से अपना पक्ष रखे. अदालत ने साकिक से कहा कि आप सुनवाई में मौजूद रह सकते है और जहां जरूरी लगे बोल भी सकते हैं. इस पर साकिब नाचन सहमत नजर आए.
साकिक नाचन का आतंकी इतिहास
नाचन, भारत में ISIS के मॉड्यूल का संचालन करता था. नाचन भारत के युवाओं को अपने संगठन में शामिल करने के लिए बहकाता था. साकिक नाचन SIMI यानि स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया का पदाधिकारी रह चुका है. 2002-03 में हुए मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन, विले पार्ले और मुलुंड बम धमाकों में साकिब नाचन मास्टरमाइंड था. यह सजा उसे साल 2016 में सुनाई गई थी. वह दो साल से भी कम समय तक जेल में रहा. 2017 में जेल से बाहर आने के बाद वो फिर से आईएसआईएस से जुड़ गया. उसे भारत मॉड्यूल का मुखिया बनाया गया. उसके ऊपर भारतीय मुस्लिमों को पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण के लिए भेजने का भी आरोप है. उसने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक गांव को “अल शाम” यानी इस्लामिक शासन वाला क्षेत्र घोषित कर दिया था. वह भारत में आतंकी हमले करके इस्लामिक शासन स्थापित करना चाहता था.
ये भी पढ़ें- वसूली मामले में AAP विधायक नरेश बाल्यान को मिली जमानत, अब MCOCA केस में गिरफ्तार
ये भी पढ़ें- भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राज्यसभा में दी जानकारी, जानिए क्या-कुछ कहा?
कमेंट