हिजाब को लेकर फिर एक बार ईरान चर्चाओं में है. आज ही ईरान की संसद ने हिजाब से संबंधित नया या कहें कड़ा कानून पास किया है. इस कानून में देश की सभी महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया है और महिलाओं से ठीक ढंग से हिजाब पहनने के लिए कहा गया है. वहीं सीसीटीवी कैमरे से महिलाओं पर नजर रखी जाएगी. इतना ही नहीं जो महिलाएं या संस्थान इस कानून का उल्लंघन करेंगी उन्हें कड़ी सजा और भारी जुर्माना देना होगा.
ईरानी संसद ने ‘हिजाब और शुद्धता’ बिल पारित किया है. खास बात यह है कि यह कानून ऐसे समय में आय़ा है जब ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान है. बता दें मसूद पेजेश्कियान हिजाब कानून के आलोचक माने जाते हैं. लेकिन उनके कार्यकाल के 4 महीने के अंदर ही यह कानून ईरानी संसद से पास हो गया. ईरान का यह कानून महिलाओं की आजादी पर तो प्रतिबंध लगाता ही है साथ ही समाज में विभाजन और संघर्ष को बल भी देता है.
हिजाब कानून में यह है प्रावधान?
1. सभी महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य किया गया.
2. हिजाब का सही तरीके से पालन करने की बात कही गई
3. सीसीटीवी कैमरों के जरिए महिलाएं पर रखी जाएगी नजर
4. हिजाब नहीं पहनने और इसका विरोध करने पर कड़ी सजा
5. विरोध करने वाली महिलाओं को 20 महीने की सैलरी देने का जुर्माना
6. हिजाब कानून को बढ़ावा नहीं देने वाले संस्थानों पर लगेगा भारी जुर्माना
7. कपड़ों के निर्माता ऐसे कपड़े बनाए जो कानून का उल्लंघन ना करते हो
ईरानी संसद से कानून पास हो जाने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है. राष्ट्रपति के दस्खत के बाद ही यह कानून इम्पलीमेंट हो पाएगा. ईरान की महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि वो अपने अधिकारों का उपयोग करके इस कानून को प्रभावी होने से रोक लें.
ईरान के राजनीतिक विश्लेषक मैरी मोहम्मदी का कहना है कि हिजाब पर नया कानून यहां की महिलाओं के संघर्ष और रोकने और उनकी क्रांतिकारी क्षमता को कमजोर के लाया गया है. उनका कहना है कि महिलाओं को महंगे जुर्माने और सजा से डराकर उनके आंदलोन को कुचलने की कोशिश है.
ईरान में महिलाओं ने खोला था हिजाब के खिलाफ मोर्चा
बता दें 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनना जरूरी कर दिया था लेकिन साल 21वीं सदी के प्रारंभ में यानि साल 2002 में ईरानी-कुर्दिश महिला महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. ईरानी पुलिस ने महसा अमीन को हिजाब का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस दौरान उसकी बर्बरता से पिटाई की गई. जिसकी वजह से उसकी पुलिस कस्टडी में ही मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पूरे देश में हिजाब विरोधी आंदोलन शुरू हो गया. महिलाएं ने हिजाब को अनिवार्य बनाने वाले कानून को चुनौती दी थी.
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