नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इजराइल-फिलिस्ततीन संघर्ष को लेकर आज राज्यसभा में जवाब दिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर भारत दो राष्ट्र समाधान का समर्थन करता है. दशकों से जारी इस विवाद को दो राष्ट्र समाधान सिद्धांत के जरिए ही हल खोजा जा सकता है. भारत भी लगातार इसी बात का वकालत करता आया है. भारत सरकार फिलिस्तीन के लोगों तक लगातार मदद पहुंचा रही है.
EAM Jaishankar reiterates India's support for two-state solution, explains abstention from UN resolutions on Gaza conflict
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— ANI Digital (@ani_digital) December 5, 2024
संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रस्तावों से भारत के कथित रूप से दूर रहने के दावे पर जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद से संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन से संबंधित 13 प्रस्ताव पेश किए गए हैं. इनमें से भारत ने 10 प्रस्तावों के पक्ष में मतदान किया. तीन प्रस्तावों पर मतदान से परहेज किया.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत एक “संप्रभु, स्वतंत्र और टिकाऊ फिलिस्तीनी राज्य” के निर्माण के पक्ष में है, जो इजराइल के साथ शांति से रह सके. चालू संकट के दौरान भारत ने फिलिस्तीन को महत्वपूर्ण मानवीय सहायता प्रदान की है. संघर्ष शुरू होने के बाद भारत ने लगभग 70 मीट्रिक टन सहायता सामग्री भेजी. इसमें 16.5 मीट्रिक टन दवाएं और चिकित्सा आपूर्ति शामिल थीं. इसके अतिरिक्त 2024 में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को सहायता राशि को एक मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 5 मिलियन डॉलर कर दी गई है.
उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद की निंदा करते हैं, हम बंधक बनाने की निंदा करते हैं. हम मानते हैं कि देशों को स्थिति पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार है लेकिन देशों को हताहत नागरिकों के प्रति सचेत रहना चाहिए. उन्हें मानवीय कानून का पालन करना चाहिए और हम युद्धविराम और हिंसा का शीघ्र अंत चाहते हैं.
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू तथा पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और युद्ध अपराधों के लिए हमास के एक नेता के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के वारंट पर भारत की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर डा. जयशंकर ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का सदस्य नहीं है.
हिन्दुस्थान समाचार
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